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28 Oct 2016 · 1 min read

दिवाली और मेरे शेर

दिवाली और मेरे शेर

दिवाली का पर्व है फिर अँधेरे में हम क्यों रहें
चलो हम अपने अहम् को जलाकर रौशनी कर लें

*************************************

दिवाली का पर्व है अँधेरा अब नहीं भाता मुझे
आज फिर मैंने तेरी याद के दीपक जला लिए

दीपाबली शुभ हो

Language: Hindi
Tag: शेर
528 Views
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