Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2017 · 1 min read

दिल लगी

देखा जब से उन्हें,खुद को भुला बैठा ॥

बेहद की वफा फिर भी प्यार गंवा बैठा,

इतना चाहने पर भी जब वो दूर चले गए,

तब सोचा कि किससे मैं दिल लगा बैठा ,

देखा जब से उन्हें,खुद को भुला बैठा ॥

?प्रमोद रघुवंशी?

Language: Hindi
232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कभी भ्रम में मत जाना।
कभी भ्रम में मत जाना।
surenderpal vaidya
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
कवि दीपक बवेजा
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
*Author प्रणय प्रभात*
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ह्रदय के आंगन में
ह्रदय के आंगन में
Dr.Pratibha Prakash
"Communication is everything. Always always tell people exac
पूर्वार्थ
"आदि नाम"
Dr. Kishan tandon kranti
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
💐प्रेम कौतुक-171💐
💐प्रेम कौतुक-171💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
फूल कितना ही ख़ूबसूरत हो
फूल कितना ही ख़ूबसूरत हो
Ranjana Verma
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
2851.*पूर्णिका*
2851.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
औरतें
औरतें
Kanchan Khanna
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
डॉ. शिव लहरी
आप तो आप ही है
आप तो आप ही है
gurudeenverma198
अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
Shweta Soni
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*हमारे विवाह की रूबी जयंती*
*हमारे विवाह की रूबी जयंती*
Ravi Prakash
एकाकीपन
एकाकीपन
Shyam Sundar Subramanian
चुपके से तेरे कान में
चुपके से तेरे कान में
Dr fauzia Naseem shad
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...