Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2018 · 2 min read

दास्तान ए जंगल

तरसते रहे सवारी को,पर घुड़सवार कहाते हैं।
हम जंगली हैं भैया तभी तो गंवार कहलाते हैं।

बुलंदिया छूने के लिये ,हमारा आसरा छीन लिए।
हमारे पेड़ कट गए ,हमारे जंगल छीन लिए।

अब हमें इंसानो में गिनते नही ,अंशों में बांट दिया।
कभी रंग से, कभी जात से कभी धर्मो में बांट दिया।

अब तो हम आदमी कहाँ बस बोट बैंक कहाते हैं।
हम जंगली हैं भैया तभी तो गंवार कहाते हैं।

एक वक्त था ,कभी महुआ कभी पत्ति में जीते थे।
मजदूरी का पसीना ,नमक समझ के पीते थे।

समझदार बनाने का झूठा आस दिलाया गया।
फिर सहरों का चकाचौंध हमको दिखाया गया।

थोड़ा पढ़ लिख के जब कंधे से कंधा मिलाने लगे।
सब के साथ बैठ कर कुछ वक्त बिताने लगे।

सबने समझ लिया हम मुफ्त के पैसे लुटाते हैं।
हम जंगली हैं भैया तभी तो गंवार कहाते हैं।

हम भी तो इसी जमीन का दाना खाते हैं।
फिर हमको क्यों सब अपने से अलग बुलाते हैं।

एक ही धरती माँ की संतान है फिर कैसे भाई नही हुए।
थोड़े तज़ुर्बे में कम सही ,फिर भी तो हम सबके हुए।

हमे तो अपने पेट से ,परिवार से फुरसत नही मिलता।
मुफ्त में तो दो जून की रोटी भी नही मिलता।

एक टुकड़ा फेंककर सब मुफ्तखोर बताते हैं ।
हम जंगली हैं भैया तभी तो गंवार कहाते हैं।

हम भी तो सबके अपने है,कभी सीने से लगाया करो।
हमारे भी मसले कभी मिल के सुलझाया करो।

एक ही मिट्टी महकती है सब के रगों में ये बात जान लेना।
कोई गैर नही है,सब अपने है आज ये पहचान लेना ।

सब मिल के चलेंगे तो ,जमाना बदल देंगे।
नया सवेरा ,नए सपने नया इतिहास रच देंगे।

पर ये समझेंगे क्यों ‘देव’ सब बहकावे में आते है।
हम जंगली हैं भैया तभी तो गंवार कहाते हैं।

2 Likes · 4 Comments · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
Shashi kala vyas
महफिल में तनहा जले,
महफिल में तनहा जले,
sushil sarna
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
Shweta Soni
जीवन के बसंत
जीवन के बसंत
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
सत्य असत्य से कभी
सत्य असत्य से कभी
Dr fauzia Naseem shad
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
Dr Archana Gupta
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
"सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
जीत
जीत
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
"भावना" इतनी
*Author प्रणय प्रभात*
2437.पूर्णिका
2437.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
🌹Prodigy Love-31🌹
🌹Prodigy Love-31🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नकलची बच्चा
नकलची बच्चा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
धन बल पर्याय
धन बल पर्याय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चलते चलते
चलते चलते
ruby kumari
खुशी के पल
खुशी के पल
RAKESH RAKESH
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
ये दिल है जो तुम्हारा
ये दिल है जो तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
सुखी होने में,
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
* भोर समय की *
* भोर समय की *
surenderpal vaidya
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Loading...