Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2019 · 1 min read

दादू और छोना

दादू को छोना है प्यारी
उनकी तो है राजकुमारी

नहीं मगर दोनों की पटती
बात बात पर वो रो पड़ती

दादू मना मना के हारे
लाकर दिये खिलौने सारे

तब छोना थोड़ी मुस्काई
दादू ने भी राहत पाई

छोना पर फिर मस्ती छाई
किलकारी की गूंज सुनाई

रूठ गई फ़िर गुड़िया रानी
रोज रोज की यही कहानी

12-05-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद ?

1 Like · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
*बादल दोस्त हमारा (बाल कविता)*
*बादल दोस्त हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
2752. *पूर्णिका*
2752. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पाँव में छाले पड़े हैं....
पाँव में छाले पड़े हैं....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नयी - नयी लत लगी है तेरी
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
Neelam Sharma
बहारों कि बरखा
बहारों कि बरखा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी राहों में ख़ार
मेरी राहों में ख़ार
Dr fauzia Naseem shad
To improve your mood, exercise
To improve your mood, exercise
पूर्वार्थ
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मैं अपने दिल में मुस्तकबिल नहीं बनाऊंगा
मैं अपने दिल में मुस्तकबिल नहीं बनाऊंगा
कवि दीपक बवेजा
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
💐प्रेम कौतुक-489💐
💐प्रेम कौतुक-489💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मनवा मन की कब सुने,
मनवा मन की कब सुने,
sushil sarna
मेंहदी दा बूटा
मेंहदी दा बूटा
Surinder blackpen
*मनायेंगे स्वतंत्रता दिवस*
*मनायेंगे स्वतंत्रता दिवस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
Tum likhte raho mai padhti rahu
Tum likhte raho mai padhti rahu
Sakshi Tripathi
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
आज़ादी का जश्न
आज़ादी का जश्न
Shekhar Chandra Mitra
संतुलित रहें सदा जज्बात
संतुलित रहें सदा जज्बात
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■आज पता चला■
■आज पता चला■
*Author प्रणय प्रभात*
*अम्मा*
*अम्मा*
Ashokatv
অরাজক সহিংসতা
অরাজক সহিংসতা
Otteri Selvakumar
जलपरी
जलपरी
लक्ष्मी सिंह
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...