Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2017 · 1 min read

दहेज के दानव

दहेज गीत ___________

इक नन्ही सी कली,माँ की बगिया में खिली,
देके खुशियां हजार, एक दिन पिया घर चली,

जब तक कली थी डाली से लिपटी रही,
माँ के आँचल में छुपकर दूध पीती रही,

कली से बनकर फूल धागे में पिरोई गई,
किसी के गले हार बनते ही टूट कर बिखर गई,

चल पड़ी हैं पिया के संग हो गई सगाई,
लोग कहने लगे बेटी तेरी अब हो गई पराई,

ससुराल में जाते ही जुल्म सहने लगी,
क्या लाई हैं दहेज में ताने सुनने लगी,

जुल्म सहकर भी आँखों से आंसू न गिराई,
गले की थी हार जो बेटी पैरो से रौन्दी गई,

दहेज के दानवो ने जुल्म उस पे ढाया,
लगा इल्जाम उसपे घर से उसको भगाया,

मांगती फिर रही हैं न्याय समाज के कानून से,
निराशा हाथ आई उसको माँ-बाप के घर से,

अनसुनी करके उसकी बाते धज्जिया उड़ाई गई,
देकर राखी की दुहाई भाई को भी निराशा पाई ,

एक गरीब की बेटी ने दुनिया से मुह मोड़ लिया,
हार कर जीवन से अन्त में आत्महत्या कर लिया,

बेदर्दी कहे समाज से सुनो दहेज के दानव,
तेरे घर में भी हैं बेटी बन जा अब मानव,

बेदर्दी कहे सच में दहेज प्रथा जंजाल हैं,
इससे ही तो घटी हैं बेटी का मान हैं,

नई गृहस्थी के लिए सुनो दहेज इक क्लेश हैं,
बन गई दहेज प्रथा आज इक कालिख देश हैं,

Language: Hindi
Tag: गीत
325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुज़रा है वक्त लेकिन
गुज़रा है वक्त लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
हम उन्हें कितना भी मनाले
हम उन्हें कितना भी मनाले
The_dk_poetry
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
Shweta Soni
2821. *पूर्णिका*
2821. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
কিছু ভালবাসার গল্প অমর হয়ে রয়
কিছু ভালবাসার গল্প অমর হয়ে রয়
Sakhawat Jisan
दो शब्द
दो शब्द
Ravi Prakash
जीवन चक्र
जीवन चक्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
'अशांत' शेखर
कपालभाती के लाभ
कपालभाती के लाभ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
दिल तोड़ना ,
दिल तोड़ना ,
Buddha Prakash
हां मैं दोगला...!
हां मैं दोगला...!
भवेश
किरदार
किरदार
Surinder blackpen
हम दुसरों की चोरी नहीं करते,
हम दुसरों की चोरी नहीं करते,
Dr. Man Mohan Krishna
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नवदुर्गा का महागौरी स्वरूप
नवदुर्गा का महागौरी स्वरूप
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कथित साझा विपक्ष
कथित साझा विपक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
"इस्तिफ़सार" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
भूलाया नहीं जा सकता कभी
भूलाया नहीं जा सकता कभी
gurudeenverma198
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
💐अज्ञात के प्रति-69💐
💐अज्ञात के प्रति-69💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नीरज…
नीरज…
Mahendra singh kiroula
नेता के बोल
नेता के बोल
Aman Sinha
Loading...