Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2017 · 1 min read

दवा से जो नही होते

दवा से जो नहीँ होते
1222 1222 1222 1222
दवा से जो नहीँ होते दुआ से काम होते हैं!
जहाँ में आज भी ऐसे करिश्मे आम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
गलत राहों से जीवन में हमेशा दूर तुम रहना!
बुरे हर काम के देखो बुरे अंजाम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
निराला सा चलन देखा जहाँ में आज लोगों का!
बगल में है छुरी रखतें जुबां पे राम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
दिलों में इस ज़माने के पनपती साज़िशें हरदम!
बशर की जान के तो बस ज़रा से दाम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
समझते हैं कहाँ ज़ालिम हमारे दर्द को अब भी!
जो’हँस-हँस कर वो’ पीते हैं लहू के जाम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
कहाँ मिलती है अहले-दिल को भी मंज़िल मुहब्बत की!
बशर तो प्यार की खातिर सदा बदनाम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
बड़ी शातिर है ये दुनिया नहीँ काबिल भरोसे के!
यहाँ किस्से फरेबों के तो’सुब्हो -शाम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
रखो किरदार की दौलत हमेशा ही ज़माने में!
समय के साथ जो चलते उन्हीं के नाम होते हैं!! :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
मुसाफ़िर इस गज़ल में भी पते की बात को कहता!
इबादत जो नहीँ करते सदा नाकाम होते हैं!!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
धर्मेन्द्र अरोड़ा’मुसाफ़िर’

324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुदकुशी से पहले
खुदकुशी से पहले
Shekhar Chandra Mitra
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Sakshi Tripathi
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
2280.पूर्णिका
2280.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
The Earth Moves
The Earth Moves
Buddha Prakash
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
चिकने घड़े
चिकने घड़े
ओनिका सेतिया 'अनु '
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
कवि दीपक बवेजा
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
यादों का झरोखा
यादों का झरोखा
Madhavi Srivastava
फिर भी तो बाकी है
फिर भी तो बाकी है
gurudeenverma198
फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु
फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*भगत सिंह हूँ फैन  सदा तेरी शराफत का*
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
Shyam Pandey
बहुत ऊँची नही होती है उड़ान दूसरों के आसमाँ की
बहुत ऊँची नही होती है उड़ान दूसरों के आसमाँ की
'अशांत' शेखर
National YOUTH Day
National YOUTH Day
Tushar Jagawat
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
manjula chauhan
शॉल (Shawl)
शॉल (Shawl)
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
दोहा
दोहा
Ravi Prakash
किसी भी इंसान के
किसी भी इंसान के
*Author प्रणय प्रभात*
पिता !
पिता !
Kuldeep mishra (KD)
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
शिक्षक
शिक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" चुस्की चाय की संग बारिश की फुहार
Dr Meenu Poonia
Loading...