Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2020 · 4 min read

दर्द भरी दास्तान :【माँ मुझको बतलाओ ना 】

【माँ मुझको बतलाओ ना 】
************************

एक तीन चार साल का बच्चा जिसके पापा की मृत्यु हो जाती है । परिवार के सभी लोग उससे यह कह कर बहला देते हैं कि पापा भगवान के घर गए हैं।
कुछ दिन बाद जब ये बच्चा अपने दोस्त के साथ खेल रहा होता तो उसका दोस्त कहता है तेरे पापा कहाँ हैं अब तू उनके साथ नहीं आता । बच्चा कहता है वो भगवान के घर गए हैं जब आ जायेंगे तब आया करूँगा। तेरे पापा अब कभी नहीं आयेंगे, भगवान के घर से कोई वापस नहीं आता, मेरी दादी भी नहीं आयी उनको तो कई साल हो गए। ये सुन कर बच्चा जोर जोर से रोता हुआ घर आया और अपनी माँ से बोला– माँ मेरा दोस्त कह रहा है मेरे पापा अब कभी नहीं आयेंगे।
माँ ने बेटे को गोद में बिठाया और प्यार से समझाया कि तुम्हारा दोस्त पागल है उसे कुछ नहीं पता। तुम्हारे पापा जरूर आयेंगे।

बेटा –माँ अभी बुलाओ मेरे पापा को ।
माँ—पापा भगवान के घर गए हैं भगवान को तुम्हारे पापा की जरूरत थी इसलिए भगवान ने बुलाया है।
बेटा– मेरे ही पापा को क्यूँ बुलाया है और किसी को बुला लेते।
माँ– आपके पापा डॉक्टर हैं ना। भगवान जी का डॉगी बीमार हो गया है उसे ठीक करने के लिए बुलाया है।
बेटा— किसी और डॉक्टर को बुला लेते , मेरे ही पापा को क्यूँ बुलाया?
माँ — आपके पापा दुनियाँ में सबसे अच्छे डॉक्टर हैं,भगवान को सबसे अच्छा डॉक्टर चाहिए था जो उनके डॉगी को ठीक कर दे।
इसलिए आपके पापा को बुलाया।
बेटा–फिर अब कब आयेंगे पापा ?
माँ — जब भगवान का डॉगी ठीक हो जाएगा तब आ जायेंगे।
बेटा— पक्का आ जाएंगे।
माँ — हाँ पक्का आ जाएंगे।
इसी तरह समझाते समझाते तीन साल गुज़र गये । बच्चा 7-8 साल का हो गया ।एक दिन TV देखने के बाद माँ के पास आया और मृत्यु के बारे में पूँछने लगा।माँ ने सोचा ये सही समय है उसे उसके पिता की सच्चाई बताने का।
देखिए एक माँ अब किस तरह से बेटे को मृत्यु का कड़वा सच बताती है। एक कविता के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत है।

इक दिन बेटा बोला माँ से
बात मुझे समझाओ ना।
देखा था टी०वी० पर मैंने
माँ मुझको बतलाओ ना।

मृत्यु की सब करते बातें
मम्मी वो क्या होती है।
मरने पर क्यूँ सारी दुनियाँ
फुट फुट कर रोती है।

सीढ़ी के बिस्तर पर उनको
फिर क्यूँ बाँधा जाता है।
चार चार लोगों के हाथों
फिर उठवाया जाता है।

मरघट की सब करते बातें
मम्मी वो क्या होती है।
देखा था टी०वी० पर मैंने
भीड़ इक्खट्टी होती है।

ढेर लगा लकड़ी का उस पर
बिस्तर जाकर लगा दिया।
उनके ही बेटे ने उनको
फिर काहे माँ जला दिया

बोलो अब तुम कुछ तो बोलो
कुछ तो माँ समझाओ ना।
एक दिन बेटा बोला माँ से
माँ मुझको बतलाओ ना।

हाथ पकड़ फिर बोली मैया
बैठो तनिक हमारे पास।
समझाऊँगी लालन तुमको
जीवन के कुछ पल वो खास।

एक शक्ति है इस दुनिया में
जिसने हमें बनाया है।
ईश्वर उसको कहते हम तुम
जिसने खेल रचाया है।

हम सब हैं उसकी कठपुतली
जग का वो आधार है
रोज नचाये जो हम सबको
वो ही पालन हार है।

दुख सुख दो पहिए जीवन के
हर पल चलते रहते हैं
आज उजाला खुशियों का कल
दुख के झरने बहते हैं

इतना तो में समझ गया माँ
अब आगे समझाओ ना।
फिर क्या होता है जीवन में
माँ मुझको बतलाओ ना।

पाँच महा तत्वों को मथकर
अपना रूप गढ़ा उसने।
माटी के इस घट में अपना
दिल में अंश जड़ा उसने।

एक समय निश्चित कर भगवन
जग में हमें पठाता है।
जब जब वक्त करें हम पूरा
अपने पास बुलाता है।

जिन जिन को वो पास बुलाता
उनको वापस जाना है।
जिन जिन को तुम देख रहे हो
सबको इक दिन जाना है।

नाना को भी जाना है क्या
नानी को भी जाना है।
मामा को भी मामी को भी
मौसी को भी जाना है।

बोलो मम्मी कुछ तो बोलो
बात सभी समझाओ ना
कैसे क्या कुछ होता है फिर
माँ मुझको बतलाओ ना।

माँ बेटे से कहती है—हाँ बेटा मुझे भी भगवान के घर जाना है, नाना नानी , मामा मामी, मौसी सबको जाना है।

बेटा बोला — माँ मुझे भी जाना है

माँ कहती है– हाँ आपको भी जाना है और आप इस दुनियाँ में जिस जिस को देख रहे हो सबको जाना है।

बेटा पूँछता है — फिर क्या होता है ?फिर कोई वापस नहीं आता।

माँ कहती है— नहीं ..! भगवान के घर से कोई वापस नहीं आता। फिर भगवान उसे नया जन्म देकर दुनियाँ में कहीं और भेज देते हैं।

बेटा थोड़ी देर कुछ सोचता है फिर कहता है– माँ फिर अब पापा भी नहीं आयेंगे क्या?

माँ कहती है– हाँ अब आपके पापा भी कभी नहीं आयेंगे।अब आपके पापा को भगवान ने नया जन्म दे दिया होगा। अब वापस वो कहीं नन्हें से बच्चे के रूप में रह रहे होंगे। इतना सुन बेटा माँ को गले लगा लेता है और कहता है माँ आज से तुम ही मेरे पापा हो।

© डॉ० प्रतिभा ‘माही’

Language: Hindi
4 Likes · 5 Comments · 1879 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Pratibha Mahi
View all
You may also like:
*लब मय से भरे मदहोश है*
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हो जाएँ नसीब बाहें
हो जाएँ नसीब बाहें
सिद्धार्थ गोरखपुरी
//एक सवाल//
//एक सवाल//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
#ऐसी_कैसी_भूख?
#ऐसी_कैसी_भूख?
*Author प्रणय प्रभात*
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये मेरा स्वयं का विवेक है
ये मेरा स्वयं का विवेक है
शेखर सिंह
-बहुत देर कर दी -
-बहुत देर कर दी -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
उम्मीदें ज़िंदगी की
उम्मीदें ज़िंदगी की
Dr fauzia Naseem shad
औरों की उम्मीदों में
औरों की उम्मीदों में
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
कुप्रथाएं.......एक सच
कुप्रथाएं.......एक सच
Neeraj Agarwal
शिक्षक हमारे देश के
शिक्षक हमारे देश के
Bhaurao Mahant
दोहा
दोहा
Ravi Prakash
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
* खिल उठती चंपा *
* खिल उठती चंपा *
surenderpal vaidya
" ज़ख़्मीं पंख‌ "
Chunnu Lal Gupta
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
संजीव शुक्ल 'सचिन'
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
नरम दिली बनाम कठोरता
नरम दिली बनाम कठोरता
Karishma Shah
💐प्रेम कौतुक-274💐
💐प्रेम कौतुक-274💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
कौन ?
कौन ?
साहिल
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कवि
कवि
Pt. Brajesh Kumar Nayak
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
"लक्ष्मण-रेखा"
Dr. Kishan tandon kranti
चाँद
चाँद
Vandna Thakur
खतरनाक होता है
खतरनाक होता है
Kavi praveen charan
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर शायर जानता है
हर शायर जानता है
Nanki Patre
Loading...