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10 Oct 2017 · 1 min read

तेरी यादों का सिलसिला है

ये जो तेरी यादों का सिलसिला है
बड़ा ही कठिन सा ये जलजला है

प्यार करती है मुझसे मैं जानता हूँ
लेकिन मोहबत में हर दिल जला है

पथ्थरों की बौछार से मुझे डर कैसा
मोहबत में ये दिल किसका डरा है

वो छोड़कर मुझको गई है जबसे ही
यादो का उसकी मुझे ही आसरा है

लौटकर आई है वो अब मेरी चाह मैं
रब ही जाने कौन सा ये माजरा है

ये फूल खिलने से ही पहले टूट जाते
हर ओर नफरत का यहाँ सिलसिला है

प्यार चाहत और मोहबत सब भूलकर
बस नुमायश का ही अब दबदबा है

ये ऋषभ तुमको सिखाये क्या मोहबत
इस मोहबत से ही तो ये सरफिरा है

ऋषभ तोमर

1 Like · 278 Views
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