तेरी आंखों मे मेरा प्यार नज़र आये तो अच्छा
तेरी आंखों मे मेरा प्यार नज़र आये तो अच्छा
तेरी आंखों मे मेरा प्यार नज़र आये तो अच्छा
तुझे मुझ पर एतबार हो जाए तो अच्छा
चाँद सितारे तेरी राहों में बिखर जाएँ तो अच्छा
तू उस खुदा का चश्मो – चिराग हो जाए तो अच्छा
तुझ पर किसी की बुरी नज़र का न हो असर
तेरी हर रात जन्नत सी रोशन हो जाए तो अच्छा
किवाड़ की ओट से झांककर क्यों देखते हो मुझे
चलो एक दूसरे से रूबरू हो जाएँ तो अच्छा
पाक दामन होती हैं मुहब्बते वादियों की फिजां
चलो एक दूसरे में हम समा जाएँ तो अच्छा
कुछ ऐसा हो जाए बेहतर , यूं छुप – छुपकर मिलने से
तरकीब बता दो मुझे , तेरे दीदार की सनम
नाउम्मीद नहीं हुआ हूँ मैं , तेरे बारे में सोचकर
खुदा केरे हम दोनों का मिलन हो जाए तो अच्छा
खुश हो रहे हैं लोग आसमां के चाँद को देखकर
मेरा चाँद तुम्हीं हो सनम , ये जान लो तो अच्छा
नाकाम हुए हैं वो , जिन्हें खुद पर न था यकीन
हमारी मुहब्बत को किसी की नज़र न लगे तो अच्छा
ज़माने को पसंद नहीं हमारा , जुनुने – मुहब्बत
चलो कहीं दूर मुहब्बत का आशियाँ बना लें तो अच्छा