तुम
तुम प्रेम के मीठे अहसास में
भक्ति के तुम दुरूह मार्ग में
नहीं प्रयास से सकता तुमको
तुम समर्पण के सरल भाव में
कर्मयोगी परमहंस योगेश्वर
नीति निपुण तुम सर्व कलाधर
सर्वज्ञ सर्वश्रेष्ठ तुम सृष्टि स्वामी
अखण्ड सृष्टि के तुम अखिलेश्वर
भक्त तेरे रहें तुझे पुकारे
रूप बना बना उसे निहारें
सत्यम शिवम् तुम्हीं हो सुंदर
कैसे अब हम तेरे चरण पखारें