Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2016 · 1 min read

“तुम शब्द बन कर आ गये”

तुम्हे ही तो लिख रही थी
कि तुम शब्द बन कर आ गये,
शान्त स्निग्ध नयनों से,
अविराम दृष्टि गड़ाये हुए ,
अक्षरों की ओट से निहारते,
मन के पुलिन तट पर ,
असंख्य स्पन्दित कामनायें,
उल्लसित हो प्रदीप्त हो उठी,
तुम्हे ही तो पढ रही थी,
कि तुम अर्थ बन कर आ गये,
मंद मुदित स्मर स्मिति से,
स्वप्निल स्पृहा बिछाये हुए,
पुस्तक की ओट से निहारते,
जीवन के सुमधुर पल पर ,
कम्पित नादमय संगीत जो ,
बनकर सारंगा सी झूम उठी||
…निधि …

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 611 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
gurudeenverma198
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ धूर्तता का दौर है जी...
■ धूर्तता का दौर है जी...
*Author प्रणय प्रभात*
12- अब घर आ जा लल्ला
12- अब घर आ जा लल्ला
Ajay Kumar Vimal
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
कितना कोलाहल
कितना कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
Gaurav Sony
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
💐प्रेम कौतुक-548💐
💐प्रेम कौतुक-548💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम बहुत प्यारे हो
तुम बहुत प्यारे हो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
दोस्ती का कर्ज
दोस्ती का कर्ज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
Seema Verma
तेरे इश्क़ में
तेरे इश्क़ में
Gouri tiwari
3059.*पूर्णिका*
3059.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
निरीह गौरया
निरीह गौरया
Dr.Pratibha Prakash
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
भारत को निपुण बनाओ
भारत को निपुण बनाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुबह का खास महत्व
सुबह का खास महत्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
चौथ का चांद
चौथ का चांद
Dr. Seema Varma
Loading...