Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2017 · 1 min read

” तन हुआ बंसुरिया ” !!

प्रियतम का स्पर्श पा ,
मानो धन्य हुई |
छुअन की अनुभूति में ,
डूबी-मगन हुई |
चमक गई मन के अंधियारे –
ज्यों बिजुरिया ||

अधरों की छुअन मीठी ,
धडकनों में द्वन्द |
रोम रोम व्याप्त मौन ,
पलकें हुई बंद |
बदरी सी बरसी खुशियाँ –
अपनी डगरिया ||

सब टूट गये तटबंध यों ,
बहका सरित प्रवाह |
सागर से मिलने की ,
बढ़ती गयी चाह |
खो जाऊं अस्तित्व अपना –
उठती लहरिया ||

हैं जगे सुर मदिर ऐसे ,
हो गयी निहाल |
तन मन ने सुध खो दी,
लज्जावनत ,बेहाल |
सब कसे हुए बंध ढीले –
कमसिन उमरिया ||

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
609 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"चापलूसी"
Dr. Kishan tandon kranti
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
स्वास्थ्य का महत्त्व
स्वास्थ्य का महत्त्व
Paras Nath Jha
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2537.पूर्णिका
2537.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
Phool gufran
इंसानियत
इंसानियत
Neeraj Agarwal
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
तुम्हारी निगाहें
तुम्हारी निगाहें
Er. Sanjay Shrivastava
"अब मयस्सर है ऑनलाइन भी।
*Author प्रणय प्रभात*
नामवर रोज बनते हैं,
नामवर रोज बनते हैं,
Satish Srijan
मान भी जाओ
मान भी जाओ
Mahesh Tiwari 'Ayan'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
// प्रीत में //
// प्रीत में //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
SHASHANK TRIVEDI
शिव हैं शोभायमान
शिव हैं शोभायमान
surenderpal vaidya
तुम ही कहती हो न,
तुम ही कहती हो न,
पूर्वार्थ
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
प्ले स्कूल हमारा (बाल कविता )
प्ले स्कूल हमारा (बाल कविता )
Ravi Prakash
भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
शिल्पी सिंह बघेल
बचपन
बचपन
Shyam Sundar Subramanian
बड्ड  मन करैत अछि  सब सँ संवाद करू ,
बड्ड मन करैत अछि सब सँ संवाद करू ,
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-219💐
💐प्रेम कौतुक-219💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
Naushaba Suriya
Loading...