Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2017 · 1 min read

ठन्ड में पेश है चाय:-

ठन्ड में पेश है चाय:-

प्यारा बंधन
हम दोनों यारों में
…………………….जैसे गरम चाय

स्पर्श भावों के
रोमांच शरीर पे
…………………..जैसे वाष्पित चाय

लिखे लेख से
एक ही विचार में
………………….जैसे अनुतप्त चाय

मन तृप्ती से
प्रशन्न चहरे से
……………………जैसे ठंडाई चाय

ठंडी चुप्पी पे
तूफान ह्रदय के
…………………..जैसे छलकी चाय

हम साथ में
मगन चिन्तन से
……………….जैसे मलाईवाली चाय

ठंडी रातो में
हम दोनों साथ में
…………………..जैसे उबलती चाय

सजन

Language: Hindi
286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
होलिका दहन
होलिका दहन
Buddha Prakash
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
तरस रहा हर काश्तकार
तरस रहा हर काश्तकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी प्यारी कविता
मेरी प्यारी कविता
Ms.Ankit Halke jha
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
Rj Anand Prajapati
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
संस्कृति से संस्कृति जुड़े, मनहर हो संवाद।
संस्कृति से संस्कृति जुड़े, मनहर हो संवाद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
Sadhavi Sonarkar
■ आंसू माने भेदिया।
■ आंसू माने भेदिया।
*Author प्रणय प्रभात*
उसकी वो बातें बेहद याद आती है
उसकी वो बातें बेहद याद आती है
Rekha khichi
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
**विकास**
**विकास**
Awadhesh Kumar Singh
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
Phool gufran
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
Ravi Prakash
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
dks.lhp
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
Anand.sharma
गाँधी हमेशा जिंदा है
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
बहता पानी
बहता पानी
साहिल
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
Pooja Singh
Loading...