Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2017 · 1 min read

” ——————————————— ठगी वही कर जाऊँ ” !!

खुशियों की सरगम बाजी है , पंख लगा उड़ जाऊँ !
मुस्कानें तैरी अधरों पर , कैसे इन्हें छिपाऊँ !!

कजरारी अँखियों ने खींची , देखो लक्ष्मण रेखा !
बंधे हुए हुए हो तुम भी इससे , जानूँ औ इठलाऊँ !!

दूध धुली है काया उस पर , गंध यहां वहां बिखरी !
खुसबू को झोंकों से भीगी , मस्त पवन बहकाऊँ !!

अधरों पर है नये निमंत्रण , भूली बिसरी यादें !
मुस्कानों के दांव फेंककर , तुमको में ललचाऊँ !!

आनन पर हैं भाव खिले से , रक्तिम आभा बिखरी !
नज़रों का एक जाल बिछाकर , पल पल को हरषाऊँ !!

भोले हो या चतुर सयाने , तुमसे ठगना करनी !
अंतर्मन को पढ़ना ना पाओ , ठगी वही कर जाऊँ !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
493 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आंख से गिरे हुए आंसू,
आंख से गिरे हुए आंसू,
नेताम आर सी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
लोग जाम पीना सीखते हैं
लोग जाम पीना सीखते हैं
Satish Srijan
...........!
...........!
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-400💐
💐प्रेम कौतुक-400💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बांते
बांते
Punam Pande
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
Charu Mitra
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
* मन में कोई बात न रखना *
* मन में कोई बात न रखना *
surenderpal vaidya
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
बैठ गए
बैठ गए
विजय कुमार नामदेव
विचार
विचार
आकांक्षा राय
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
वह तोड़ती पत्थर / ©मुसाफ़िर बैठा
वह तोड़ती पत्थर / ©मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
3117.*पूर्णिका*
3117.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर मेरी मोहब्बत का
अगर मेरी मोहब्बत का
श्याम सिंह बिष्ट
दोस्ती से हमसफ़र
दोस्ती से हमसफ़र
Seema gupta,Alwar
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
लिपटी परछाइयां
लिपटी परछाइयां
Surinder blackpen
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
Rajni kapoor
"लाभ का लोभ"
पंकज कुमार कर्ण
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
आपको याद भी
आपको याद भी
Dr fauzia Naseem shad
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
Loading...