Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2018 · 1 min read

झरना

शीर्षक- झरना
=============
निर्जन वन में
लगातार बहता हुआ झरना
कभी न रुकने
कभी न झुकने का सबब है
नितांत अकेले वन में
विचरता रहता है
जो सबब है कि
जिंदगी कभी नहीं रुकती ।
शास्त्र सा पूज्य है
मंत्र सा अचूक है
वेद सा पवित्र है
जिसके सम्मुख
झुकने का मन करता है मेरा।
जिंदगी कभी चलती है
कभी रुकती है
ओर हम इसे सुख दुःख का
पैमाना मान लेते हैं
लेकिन निर्विरोध ,निर्विवाद
सुख दुःख से परे
चलता रहता है यह झरना ।
प्रकृति ने सजाया है
सलोने हरितमय श़ृंगार से इसको
लेकिन कभी गुमान नहीं किया
उसने इस अप्रतिम सौन्दर्य पर
हमेशा दूसरों को
खुशियाँ देने को तत्पर रहा झरना ।
इंसान में कहाँ से आ गया
यह घृणा ओर भेद भाव
जिसे हम समझते रहे निर्जीब
वह दे रहा है प्रेम ,प्रेमिका सा
इंसान निरुत्तर है
लेकिन दे रहा जवाब यह झरना।
फूलों की खुशबू
सावन की घटाए
प्रेमिका का प्रेम
शून्य से अनंत तक
सब तुमसे हे झरना ।
तुम कभी रुकना नहीं
तुम कभी झुकना नहीं
आगे ही बढ़ते जाना
बस बढ़ते जाना
सबब हो
इंसान की प्रगति के
तुम झरना ।

राघव दुवे
इटावा (उ०प्र०)
8439401034

Language: Hindi
530 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब साँसों का देह से,
जब साँसों का देह से,
sushil sarna
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
*
*"गुरू पूर्णिमा"*
Shashi kala vyas
बदली मन की भावना, बदली है  मनुहार।
बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
Arvind trivedi
आपकी खुशी
आपकी खुशी
Dr fauzia Naseem shad
करना केवल यह रहा , बाँटो खूब शराब(हास्य कुंडलिया)
करना केवल यह रहा , बाँटो खूब शराब(हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Canine Friends
Canine Friends
Dhriti Mishra
नया युग
नया युग
Anil chobisa
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
मानक लाल मनु
भक्ति एक रूप अनेक
भक्ति एक रूप अनेक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हाइकु शतक (हाइकु संग्रह)
हाइकु शतक (हाइकु संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
आपको जीवन में जो कुछ भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार करते हुए उसका
आपको जीवन में जो कुछ भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार करते हुए उसका
Tarun Singh Pawar
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
छाती पर पत्थर /
छाती पर पत्थर /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कविता
कविता
Vandana Namdev
"त्रिशूल"
Dr. Kishan tandon kranti
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
Vishal babu (vishu)
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
umesh mehra
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
उसे तो आता है
उसे तो आता है
Manju sagar
#2024
#2024
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...