Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2018 · 1 min read

झरना

झरने पर ना जाने क्या लिखकर डाला
पढ़ ना पाया जाने क्या लिखकर डाला

पहाड़ों से यह क्या धरा पर उतर आया
शरीर से हृदय तक मदमस्त कर डाला

बेरंग सा है पर सप्तरंग समेटे बह रहा
पल्लवित रोम रोम में अमृत भर डाला

हर क्षण हर कण गिरि पर थाप दे रहा
संगीत रानी वीणा सा सुरमय कर डाला

फुव्वारों का आभा मंडल विस्तार दे रहा
छिटकी थकान शरीर में जोश भर डाला

ऊपर से अनवरत नीचे स्थान बना रहा
नदी नालों में जीवन रस को भर डाला

लक्ष्मण सिंह
जयपुर (राजस्थान)

446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसका अपना कोई
उसका अपना कोई
Dr fauzia Naseem shad
होली गीत
होली गीत
Kanchan Khanna
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
"अमृत और विष"
Dr. Kishan tandon kranti
Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
Smriti Singh
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
*हजारों हादसों से रोज, जो हमको बचाता है (हिंदी गजल)*
*हजारों हादसों से रोज, जो हमको बचाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उत्तम देह
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐प्रेम कौतुक-495💐
💐प्रेम कौतुक-495💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Sakshi Tripathi
सच तो हम और आप ,
सच तो हम और आप ,
Neeraj Agarwal
इंक़लाब आएगा
इंक़लाब आएगा
Shekhar Chandra Mitra
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
ध्यान
ध्यान
Monika Verma
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
“ कौन सुनेगा ?”
“ कौन सुनेगा ?”
DrLakshman Jha Parimal
*वरद हस्त सिर पर धरो*..सरस्वती वंदना
*वरद हस्त सिर पर धरो*..सरस्वती वंदना
Poonam Matia
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
shabina. Naaz
*मन का समंदर*
*मन का समंदर*
Sûrëkhâ Rãthí
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
मेरी चाहत
मेरी चाहत
umesh mehra
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वह देश हिंदुस्तान है
वह देश हिंदुस्तान है
gurudeenverma198
Loading...