Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2016 · 1 min read

” जिंदगी में जहर नहीं होता “

?? गजल ??
?????????
बेवफा तू अगर नहीं होता ।
जिंदगी में जहर नहीं होता ।

मैं भी रुसवा तुझे ही कर देता ।
आपका यदि शहर नहीं होता ।

मिल भी जाये अगर तुम्हे फिर से ।
भूल जाना असर नहीं होता ।

गैर को कब तलक रिझाओगे ।
जा रहे अब सबर नहीं होता ।

आप ख्वाबो में ही सजाते यदि ।
ताज यूं खण्डहर नहीं होता ।

थोड़ी शक्ती जो हुक्मरां करते ।
इस तरह यूँ गदर नहीं होता ।

छोड़ देते नहीं वतन तुम पे ।
कोई भी दर बदर नहीं होता ।
?????????
? वीर पटेल ?

378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
Rj Anand Prajapati
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क्या रखा है???
क्या रखा है???
Sûrëkhâ Rãthí
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
कृष्णकांत गुर्जर
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
कवि दीपक बवेजा
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
'अशांत' शेखर
जा रहा हु...
जा रहा हु...
Ranjeet kumar patre
सच और हकीकत
सच और हकीकत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इतना भी खुद में
इतना भी खुद में
Dr fauzia Naseem shad
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
*कभी लगता है जैसे धर्म, सद्गुण का खजाना है (हिंदी गजल/गीतिका
*कभी लगता है जैसे धर्म, सद्गुण का खजाना है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्यार नहीं तो कुछ नहीं
प्यार नहीं तो कुछ नहीं
Shekhar Chandra Mitra
जीवन भी एक विदाई है,
जीवन भी एक विदाई है,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💐प्रेम कौतुक-258💐
💐प्रेम कौतुक-258💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चेहरा और वक्त
चेहरा और वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समृद्धि
समृद्धि
Paras Nath Jha
उड़े  हैं  रंग  फागुन के  हुआ रंगीन  है जीवन
उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
Dr Archana Gupta
कभी कभी पागल होना भी
कभी कभी पागल होना भी
Vandana maurya
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
Shyam Pandey
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
नादान था मेरा बचपना
नादान था मेरा बचपना
राहुल रायकवार जज़्बाती
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
The_dk_poetry
(16) आज़ादी पर
(16) आज़ादी पर
Kishore Nigam
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम
प्रेम
Rashmi Sanjay
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
Rekha Drolia
Loading...