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9 Mar 2019 · 1 min read

जाग की सुबह हो गयी

तू कहां खो गयी
तू जाग की सुबह हो गयी
प्रतीक शक्ति का
कहां अबला हो गयी

सब रास्ते तेरी तरफ
और हर रास्ते तेरी मंजिल की तरफ है
तू कंहा रास्ते मे भटक गयीं
जाग की सुबह हो गयी

विश्व को जन्म दिया
अब उससे क्यों घबराती है
तू ही नेतृत्वकर्ता है
कहाँ अनुयायी के अंधेरे में अटक गई
जाग की सुबह हो गयी

@आनंदश्री

Language: Hindi
389 Views
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