Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2016 · 1 min read

जहां पर गलतियों का मेरी मंजर ख़त्म होता है —ग़ज़ल।

गजल
जहां पर गलतियों का मेरी मंजर ख़त्म होता है
वही जीवन का मुश्किल वक्त अक्सर ख़त्म होता है

मगर इल्जाम से पहले न देखा आइना खुद जब
जहानत का वो दावा फिर यहीं पर ख़त्म होता है

बड़े मौके तुम्हारे सामने आकर खड़े होंगे
न हिम्मत हारना जब एक अवसर ख़त्म होता है

सफीना डूबने का डर रहेगा तब तलक उसको
के जब तक चापलूसों का न लश्कर ख़त्म होता है

रुके सदियों से पलकों पर इन्हें बहने दो के जब तक
जमीं से आसमां तक का समंदर ख़त्म होता है

जफ़ा के तीर चुभते हैं जिगर में दर्द सा रहता
मुझे अब देखना कब ये जिगर पर ख़त्म होता हैं

उड़ूँगी हौसलो के पर लगा ऊंची उड़ाने अब
जहां तक फैला सारा ही ये अम्बर ख़त्म होता है

किसी ने कह लिया होता किसी ने सुन लिया होता
यहां का आपसी झगड़ा तो मिलकर ख़त्म होता है

कसक गम दर्द बिन जीवन न जीवन ही लगे निर्मल
मेरा हर दर्द थोड़ी चोट खाकर ख़त्म होता है

4 Comments · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जमातों में पढ़ों कलमा,
जमातों में पढ़ों कलमा,
Satish Srijan
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
हिन्दी दोहा-विश्वास
हिन्दी दोहा-विश्वास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
बादल गरजते और बरसते हैं
बादल गरजते और बरसते हैं
Neeraj Agarwal
ईश्वर किसी को भीषण गर्मी में
ईश्वर किसी को भीषण गर्मी में
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-417💐
💐प्रेम कौतुक-417💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
Srishty Bansal
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
पहाड़ पर बरसात
पहाड़ पर बरसात
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
भरे मन भाव अति पावन....
भरे मन भाव अति पावन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
Acharya Rama Nand Mandal
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
भारत और मीडिया
भारत और मीडिया
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रे ! मेरे मन-मीत !!
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
"पँछियोँ मेँ भी, अमिट है प्यार..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
फिर से जीने की एक उम्मीद जगी है
फिर से जीने की एक उम्मीद जगी है "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आलेख - मित्रता की नींव
आलेख - मित्रता की नींव
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*
*"गुरू पूर्णिमा"*
Shashi kala vyas
जिसने अपनी माँ को पूजा
जिसने अपनी माँ को पूजा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
I knew..
I knew..
Vandana maurya
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
सब कुछ खत्म नहीं होता
सब कुछ खत्म नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
*दीपक (बाल कविता)*
*दीपक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शायद ये सांसे सिसक रही है
शायद ये सांसे सिसक रही है
Ram Krishan Rastogi
Loading...