जलाता सूर्य है हमको
जलाता सूर्य है हमको जरा घिर मेघ आओ तुम
बहुत प्यासी धरा अपनी , बरस उसको बुझाओ तुम
उदासी की घटायें हैं घिरी हरियाली के मुख पर
सुना संगीत बूंदों का उन्हें थोड़ा हँसाओ तुम
डॉ अर्चना गुप्ता
जलाता सूर्य है हमको जरा घिर मेघ आओ तुम
बहुत प्यासी धरा अपनी , बरस उसको बुझाओ तुम
उदासी की घटायें हैं घिरी हरियाली के मुख पर
सुना संगीत बूंदों का उन्हें थोड़ा हँसाओ तुम
डॉ अर्चना गुप्ता