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1 Feb 2017 · 1 min read

जय माँ सरस्वती

हे वीणावादिनी,
हे हंसवाहिनी,
हे ब्रह्मचारिणी,
हे वागीश्वरी,
हे बुद्धिधात्री,
हे वरदायनी,
हे माँ शारदे,
कुछ ऐसा कर दे,
इस लेखनी को वर दे।
.
करूँ पुष्प अर्पण,
करूँ तेरा वंदन,
नवाऊं शीश तेरे चरण,
रचूँ कुछ रचना,
रचूँ उसमें भी नमन
हे माँ शारदे,
कुछ ऐसा कर दे,
इस लेखनी को वर दे।
.
रचे लेखनी जब
बनी रहे इसकी गरिमा,
रचे जब कोई रचना
बनी रहे रचना की गरिमा,
हे माँ शारदे
कुछ ऐसा कर दे
इस लेखनी को वर दे।
.
माँ तेरी कृपा दृष्टि हो,
ज्ञान की वृष्टि हो,
तम का नाश हो,
निर्मलता का वास हो,
जगत का उद्धार हो,
हे माँ शारदे
कुछ ऐसा कर दे
इस लेखनी को वर दे।
.
ज्ञान का प्रकाश दे,
मन में उद्गागार दे,
शब्द का भण्डार दे,
गति में निर्बाधता दे,
रचना में प्रखरता दे,
हे माँ शारदे,
कुछ ऐसा कर दे,
इस लेखनी को वर दे।
हे वरदायिनी, वर दे माँ वर दे।
@पूनम झा। कोटा, राजस्थान
###############

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 709 Views
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