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31 Jul 2017 · 1 min read

जन्नत

माता पिता के रूप में ही मुझे मेरा खुदा नज़र आया है

माता पिता के चरणों में ही मैंने जन्नत को पाया है |

माता पिता के चरणों में ही तो तीर्थ धाम है

माता पिता के चरणों के जैसा कहाँ पावन धाम है

माता पिता ही तो मेरे भगवान है

माता पिता के जैसा याँ कौन दूजा इंसान है

माता पिता है तभी तो आज मेरी पहचान है

माता पिता की वजह से ही तो इस जहाँ में मेरा नामोनिशान है
भूपेंद्र रावत
३१/०७/२०१७

Language: Hindi
1 Like · 544 Views
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