Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2016 · 1 min read

छवि सांवली सलोनी लगते हो सबसे प्यारे

छवि सांवली सलोनी, लगते हो सबसे प्यारे
जीवन में रंग भर दो, अब तक हैं हम बेचारे।1।

बेताब दिल की धड़कन, अब ढूंढती सहारे
भवरों में घिर गया हूँ, पतवार है किनारे।2।

अब आ भी जाओ मोहन मेरी आत्मा पुकारे।
आओ हमें संभालो, इक तुम ही हो सहारे।3।

इतना तो प्यार दे दो, तन-मन हो जाएं न्यारे
चार दिन की जिंदगी और, हम भी हों तुम्हारे।4।

हर ओर फिंका-फिंका, हर रस थे खारे-खारे
हर डग पे मैं तो जीता, जबसे हैं तुमपे हारे।5।

-आनंद बिहारी, चंडीगढ़ (16.10.2016)
Whatsapp: 9878115857

5 Comments · 844 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वाभिमानी किसान
स्वाभिमानी किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
Harminder Kaur
आंधियां अपने उफान पर है
आंधियां अपने उफान पर है
कवि दीपक बवेजा
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम बच्चों की आई होली
हम बच्चों की आई होली
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दुम कुत्ते की कब हुई,
दुम कुत्ते की कब हुई,
sushil sarna
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
“ भयावह व्हाट्सप्प ”
“ भयावह व्हाट्सप्प ”
DrLakshman Jha Parimal
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
#आलिंगनदिवस
#आलिंगनदिवस
सत्य कुमार प्रेमी
होके रहेगा इंक़लाब
होके रहेगा इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
आकाश महेशपुरी
अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’
अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’
Dr MusafiR BaithA
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रोज डे पर रोज देकर बदले में रोज लेता है,
रोज डे पर रोज देकर बदले में रोज लेता है,
डी. के. निवातिया
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
बलबीर
बलबीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
भारत
भारत
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
Saransh Singh 'Priyam'
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
जयंत (कौआ) के कथा।
जयंत (कौआ) के कथा।
Acharya Rama Nand Mandal
परिसर खेल का हो या दिल का,
परिसर खेल का हो या दिल का,
पूर्वार्थ
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
"सृष्टि निहित माँ शब्द में,
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...