Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2020 · 1 min read

चल किस्सागोई हम करते हैं…

इस दहर में कोई किसी का उस्ताद नहीं
शागिर्द बने कोई मेरा
मुझ में वो उम्दा बात नहीं
चल आ संग संग हम चलते हैं
कुछ मै लिखूं, कुछ तू भी लिखे,
कुछ औरों के किस्से पे हंसते है
जिंदगी तो है छोटी सी
खुशियां और भी छोटी छोटी सी
इतने में क्या औरों से हम जलते हैं
चल हम मिल के किस्सा गोई करते हैं…
पड़ोस की सुंदर बाला को हम मिल के
नयनों से तकते है,
कुछ उसके सुंदरता पे भी लिखते हैं
वो जो खिड़की के पीछे एक छोड़ा है जो …
छुप छूप के देखा करता है
नयनों से ही सब कुछ कहता है
जुबां खोलने से जो डरता है
चल उसको अंगुली करते हैं
हम किस्सागोई करते हैं
वो अम्मा, वो दादी, वो पड़ोस की सुंदर सी भाभी
सब से हंस कर मिलते हैं
सब में सुगन्ध सा खिलते है
चल किस्सागोई हम करते हैं…
~ पुर्दिल सिद्धार्थ

Language: Hindi
244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
Ashwini sharma
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
राह तक रहे हैं नयना
राह तक रहे हैं नयना
Ashwani Kumar Jaiswal
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
Neeraj Agarwal
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
*अग्निवीर*
*अग्निवीर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शायद हम ज़िन्दगी के
शायद हम ज़िन्दगी के
Dr fauzia Naseem shad
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
कवि दीपक बवेजा
चिराग़ ए अलादीन
चिराग़ ए अलादीन
Sandeep Pande
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
3223.*पूर्णिका*
3223.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Happy Holi
Happy Holi
अनिल अहिरवार"अबीर"
It is that time in one's life,
It is that time in one's life,
पूर्वार्थ
आब-ओ-हवा
आब-ओ-हवा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
■ उदाहरण देने की ज़रूरत नहीं। सब आपके आसपास हैं। तमाम सुर्खिय
■ उदाहरण देने की ज़रूरत नहीं। सब आपके आसपास हैं। तमाम सुर्खिय
*Author प्रणय प्रभात*
*यार के पैर  जहाँ पर वहाँ  जन्नत है*
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
हिटलर
हिटलर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...