Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

चमन-सदृश गुणबान , प्रीति बन कहते गांधी

गांधी जी की जयंती, सत्य-अहिंसा-प्रेम|
पाठ पढ़ो औ जानकर, धारण करिए नेम||
धारण करिए नेम, बनो शीतलतामय वट|
पोषण से भर धरा, बनो सद्बोधी-जीवट||
कह “नायक” कविराय, रुके अज्ञानी आँधी|
चमन-सदृश गुणबान, प्रीति बन कहते गांधी||

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

गांधी=महात्मा गांधी

1 Like · 1 Comment · 702 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
Shweta Soni
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
शेखर सिंह
माँ नहीं मेरी
माँ नहीं मेरी
Dr fauzia Naseem shad
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ सरस्वती प्रार्थना
माँ सरस्वती प्रार्थना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"छछून्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
Buddha Prakash
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
क्यों न्यौतें दुख असीम
क्यों न्यौतें दुख असीम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
इम्तहान ना ले मेरी मोहब्बत का,
इम्तहान ना ले मेरी मोहब्बत का,
Radha jha
#अभिनंदन
#अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
Vishal babu (vishu)
ये  कहानी  अधूरी   ही  रह  जायेगी
ये कहानी अधूरी ही रह जायेगी
Yogini kajol Pathak
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
Ravi Prakash
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
7) “आओ मिल कर दीप जलाएँ”
7) “आओ मिल कर दीप जलाएँ”
Sapna Arora
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
Suryakant Dwivedi
बरसात
बरसात
लक्ष्मी सिंह
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...