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31 Jul 2020 · 1 min read

गुज़रे पल (31.12.2019)

बीत गए वो पल सभी,
जिनको कभी न जाना था।

लौट कर वे आएँगे,
इतनी उम्मीद जताती हूँ।

खुशियों से भरा वो पल मिला,
जिससे हर एक अहसास जुड़ा।

कितने आए और गए,
था वह ख़ास जो मुझे मिला।

छूकर झँकृत कर दिया जिसने,
साँसों के दो तार बजे।

चलो आज हम भी अब
चाँद के पार चलें।

समेट लें उन यादों को,
उन लम्हों को उन वादों को,
जिनकी तक़दीर निराली है।

अब तक जो कुछ किया न हो,
उनको करने की बारी है।

इस वर्ष ने दिया है बहुत कुछ,
अब उस वर्ष को देने की बारी है।

चलो लें संकल्प आज हम,
जिनको हमें निभाने हैं।

कर दूर सभी गीले – शिकवों को
हँसकर गले लगाने हैं।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 271 Views
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