Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2018 · 1 min read

गीत

‘अधूरे सपने’ गीत’
***************

साथ मिला होता जीवन में ,
किलकारी हँसती आँगन में।

उदित भानु की लाली लेकर,
सिंदूरी माँग सजाती मैं।
भोर की रश्मि की रोली से,
भाल की बिंदी लगाती मैं।

सतरंगी बूटे धारण कर-
उड़ता आँचल मंद पवन में।
साथ मिला होता जीवन में ।।

केश लटें बिखरा काँधे पर,
वीणा की झनकार सुनाती।
छेड़ राग की मृदु सरगम मैं,
कोकिल कंठी तुझे रिझाती।

तेरी बाँहों के झूले में-
कजरी गाती सावन में।
साथ मिला होता जीवन में।।

आल्हा गीत प्रीत मन भरती,
अकुलाती उर आहें भरती।
साँझ द्वार पर दीप जला कर,
सुख-वैभव अभिलाषा करती।

देख चाँद मैं कामुक होती-
नर्तन करती जा उपवन में।
साथ मिला होता जीवन में ।।

थका थकाया घर तू आता,
रुनझुन करती नेह लुटाती।
अकुलाते प्यासे नयनों को,
चूम अधर से लाड़ लड़ाती।

मुझको जीवन साथी पाकर-
भर लेता तू आलिंगन में।
साथ मिला होता जीवन में ।।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
Tag: गीत
219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
अंधा वो नहीं होता है
अंधा वो नहीं होता है
ओंकार मिश्र
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
Ravi Prakash
वर्षा के दिन आए
वर्षा के दिन आए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Quote..
Quote..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
📍बस यूँ ही📍
📍बस यूँ ही📍
Dr Manju Saini
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
gurudeenverma198
mujhe needno se jagaya tha tumne
mujhe needno se jagaya tha tumne
Anand.sharma
कोई खुशबू
कोई खुशबू
Surinder blackpen
अहसास
अहसास
Sandeep Pande
फूल बनकर खुशबू बेखेरो तो कोई बात बने
फूल बनकर खुशबू बेखेरो तो कोई बात बने
Er. Sanjay Shrivastava
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
3188.*पूर्णिका*
3188.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"ख़्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
Karishma Shah
मिट्टी का बस एक दिया हूँ
मिट्टी का बस एक दिया हूँ
Chunnu Lal Gupta
बिन माचिस के आग लगा देते हैं
बिन माचिस के आग लगा देते हैं
Ram Krishan Rastogi
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दिल के जख्म
दिल के जख्म
Gurdeep Saggu
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
शाह फैसल मुजफ्फराबादी
बीन अधीन फणीश।
बीन अधीन फणीश।
Neelam Sharma
जब-जब सत्ताएँ बनी,
जब-जब सत्ताएँ बनी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
शेखर सिंह
मौत
मौत
नन्दलाल सुथार "राही"
एक उलझन में हूं मैं
एक उलझन में हूं मैं
हिमांशु Kulshrestha
Loading...