Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2020 · 1 min read

गीत

‘नरगिसी आभास’
———————-

नरगिसी आभास लेकर चूमती जलधार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

मखमली अहसास पाकर मुस्कुराती बावरी,
श्वेत हरसिंगार कुंतल में सजाती साँवरी।
निरख उन्मादित तरंगें दिल करे अभिसार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

जलधि की उत्ताल लहरें छेड़तीं मृदु राग हैं,
गुदगुदाती सीपियाँ भरतीं हृदय अनुराग हैं।
चाहती अब भोगना सुख-नेह के व्यवहार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

शबनमी यौवन गमकता गुनगुनाती शाम है,
उल्लसित सागर किनारे उर बसा प्रिय नाम है।
नयन उत्कंठित हुए हैं प्रेम के सत्कार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

प्रश्न अंतस में उठा कुछ भाव मुखरित हो गए,
अनमना सा पा उसे उद्गार शंकित हो गए।
शून्य नीरव आसमां में खोजता आधार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

बात सुन झटका लगा सुरभित सुमन मुरझा गया,
वक्त ने दी पीर धोखा खा हृदय झुलसा गया।
छिन गए लम्हे मिलन के आज तरसे प्यार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

विवशताएँ बेड़ियाँ बन क्यों रुलाती आज हैं?
नींद में झकझोर यादें क्यों सताती आज हैं?
कामनाएँ तप्त हो चाहें स्वयं अधिकार को,
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

ध्वस्त सपने हो गए कैसे भुलाए प्रीति को,
प्रेम ने फिर छल लिया है इस जगत की रीति को।
कृष्ण की मीरा बनी कैसे सहे इस वार को?
देख चितवन चंचला का मन करे शृंगार को।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
_______ सुविचार ________
_______ सुविचार ________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
उदासियाँ  भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जेष्ठ अमावस माह का, वट सावित्री पर्व
जेष्ठ अमावस माह का, वट सावित्री पर्व
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किसी से बाते करना छोड़ देना यानि की त्याग देना, उसे ब्लॉक कर
किसी से बाते करना छोड़ देना यानि की त्याग देना, उसे ब्लॉक कर
Rj Anand Prajapati
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
"यदि"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीत।। रूमाल
गीत।। रूमाल
Shiva Awasthi
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
शेखर सिंह
जिंदगी झंड है,
जिंदगी झंड है,
कार्तिक नितिन शर्मा
Who is whose best friend
Who is whose best friend
Ankita Patel
यक्ष प्रश्न है जीव के,
यक्ष प्रश्न है जीव के,
sushil sarna
पता नहीं किसने
पता नहीं किसने
Anil Mishra Prahari
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
surenderpal vaidya
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
💐प्रेम कौतुक-524💐
💐प्रेम कौतुक-524💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
Neeraj Agarwal
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है  जब उसकी प्रेमि
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है जब उसकी प्रेमि
पूर्वार्थ
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
Dr fauzia Naseem shad
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"जिन्हें तैरना नहीं आता
*Author प्रणय प्रभात*
शिकायत है हमें लेकिन शिकायत कर नहीं सकते।
शिकायत है हमें लेकिन शिकायत कर नहीं सकते।
Neelam Sharma
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
राधा
राधा
Mamta Rani
Loading...