Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2020 · 1 min read

गीत (मैं तो हूं केवल अक्षर)

गीत

मैं तो हूं केवल अक्षर
तुम चाहो शब्दकोश बना दो

लगता वीराना मुझको
अब तो ये सारा शहर
याद तू आये मुझको
हर दिन आठों पहर

जब चाहे छू ले साहिल
वो लहर सरफ़रोश बना दो

अगर दे साथ तू मेरा
गाऊं मैं गीत झूम के
बुझेगी प्यास तेरी भी
प्यासे लबों को चूम के

आयते पढ़ूं मैं इश्क़ की
इस कदर मदहोश बना दो

तेरा प्यार मेरे लिए
है ठंढ़ी छांव की तरह
पागल शहर में मुझको
लगे तू गांव की तरह

ख़ामोशी न समझे दुनिया
मुझे समुंदर का ख़रोश बना दो

:- आलोक कौशिक

संक्षिप्त परिचय:-

नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में दर्जनों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
"जाति"
Dr. Kishan tandon kranti
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
💐प्रेम कौतुक-386💐
💐प्रेम कौतुक-386💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
पुरुष_विशेष
पुरुष_विशेष
पूर्वार्थ
दीवानी कान्हा की
दीवानी कान्हा की
rajesh Purohit
ला-फ़ानी
ला-फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
आज की तारीख़ में
आज की तारीख़ में
*Author प्रणय प्रभात*
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा  तेईस
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी भौतिकी के प्रति वैज्ञानिक समझ
मेरी भौतिकी के प्रति वैज्ञानिक समझ
Ms.Ankit Halke jha
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
Dr. Rashmi Jha
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कुछ दर्द।
कुछ दर्द।
Taj Mohammad
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पेड़ लगाओ तुम ....
पेड़ लगाओ तुम ....
जगदीश लववंशी
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
शक्ति राव मणि
शहीद की मां
शहीद की मां
Shekhar Chandra Mitra
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Suryakant Dwivedi
अबके तीजा पोरा
अबके तीजा पोरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
manjula chauhan
Exhibition
Exhibition
Bikram Kumar
मजदूर की बरसात
मजदूर की बरसात
goutam shaw
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
नूरफातिमा खातून नूरी
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
इंदु वर्मा
Loading...