Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2020 · 2 min read

गीगो सिद्धांत जीवन की सच्चाई

कम्प्यूटर का गीगो (GIGO- Garbage in,Garbage out)का सिद्धांत है –
■ गलत अंदर डालिए; गलत बाहर आएगा ।
■ सही डालिए; सही बाहर आएगा ।
■अच्छा डालिए; अच्छा बाहर आएगा ।
हम जितना डालते है, उतना ही निकालते है ।हमारा अवचेतन मन भेदभाव नही करता । हम जो कुछ भी अपने अवचेतन मन मे डालेंगे, वही उसे स्वीकार कर लेगा, और वही बात हमारे व्यवहार मे उतरेगी ।
टेलीविजन ने हमारे नैतिक मूल्यो, सोचने के ढंग और संस्कृति पर काफी हद तक अच्छा, या बुरा असर डाला है । जहां उसने हमे बहुत -सी अच्छी और फायदेमंद सूचनाएँ दी है,वही यह हमारी रूचियो मे घटियापन भी लाया है,इसने हमारी नैतिकता को भ्रष्ट किया है, और बच्चो मे अपराध की प्रवृत्ति को बढाया है । 18 साल की उम्र तक बच्चे टेलीविजन पर हिंसा के लगभग दो लाख दृश्य ( Scene ) देख चुके होते है ।☆
विज्ञापनदाता अपने दर्शको को प्रभावित करने मे माहिर होते है ।किसी बङी घटना के दौरान कम्पनियाँ 30 सेकेंड के विज्ञापन के लिए लगभग दस लाख डॉलर खर्च करती है । यकीनन उन्हे इसका फायदा मिलता है । हम किसी खास स्तर ( Brand) के साफ्ट ड्रिंक या टूथपेस्ट का विज्ञापन देखकर सुपरमार्केट से उसे ही खरीद लाते है । दरअसल हम साफ्ट ड्रिंक को नही उसके ब्रांड को खरीदते है । क्यों ? इसलिए कि हमारे दिमाग को उसी ढंग से ढाला गया है, जब हम टेलीविजन मे यह विज्ञापन सुनते है ” रालको टायर सबसे सस्ता सबसे अच्छा ” तब हमारे साइकिल टायर खराब होने पर दुकानदार से यह पूछने पर कि कौन सा टायर लगवाओगे हम झटपट बोल बैठते है, रालको टायर ये सब तो विज्ञापन की ही असर है न । जब हम टी वी देखते है या रेडियो पर कोई विज्ञापन सुनते है, तो चेतन मन उस पर भले ही न गौर कर रहा हो, लेकिन हमारा अवचेतन मन खुला होता है, और हम प्राप्त होने वाली हर उस चीज को स्वीकार कर रहे होते है । क्या आपने कभी किसी टेलीविजन से की है? जाहिर बात है नही ।जब हम पिक्चर देखते है तो, हँसते और रोते भी है, क्योकि हमारे अंदर डाला गया भावनात्मक इनपुट, भावनात्मक आउटपुट के रूप मे फौरन बाहर आता है ।यानि कि इनपुट को बदलने प्राप्त आउटपुट अपने आप बदल जाता है ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Comment · 1017 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मस्ती का त्यौहार है,  खिली बसंत बहार
मस्ती का त्यौहार है, खिली बसंत बहार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
पूर्वार्थ
अपना सपना :
अपना सपना :
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
#विषय --रक्षा बंधन
#विषय --रक्षा बंधन
rekha mohan
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम की ऊँची चार
Seema Verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
अजीब करामात है
अजीब करामात है
शेखर सिंह
मारी फूँकें तो गए , तन से सारे रोग(कुंडलिया)
मारी फूँकें तो गए , तन से सारे रोग(कुंडलिया)
Ravi Prakash
నీవే మా రైతువి...
నీవే మా రైతువి...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
3047.*पूर्णिका*
3047.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
From dust to diamond.
From dust to diamond.
Manisha Manjari
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
जनता को तोडती नही है
जनता को तोडती नही है
Dr. Mulla Adam Ali
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
* रेल हादसा *
* रेल हादसा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बे-ख़ुद
बे-ख़ुद
Shyam Sundar Subramanian
बचा  सको तो  बचा  लो किरदारे..इंसा को....
बचा सको तो बचा लो किरदारे..इंसा को....
shabina. Naaz
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
Kshma Urmila
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गुम लफ्ज़
गुम लफ्ज़
Akib Javed
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
surenderpal vaidya
Loading...