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13 May 2020 · 5 min read

गांव मे दो की कोरोना से मौत

रैंचो:- और राज भईया क्या हाल है, हमे क्या समझते हैं आप, अभी क्या देख रहे है ।यही रैंचो कल अपना जलवा पूरे देश-दुनिया मे बिखेरेगा ।

राज :- अनुज रैंचो इस समय फिलहाल तो पूरे देश में सुरसा की भांति वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण का जलजला फैला हुआ है । भगवान् बचाए हम सबको इसके मौत के शांए से ।

रैंचो:- इस कोरोना के डर से कोई वीर पुरूष तो अपने शौर्यता और धीरता का त्याग तो नही करता, मैं नही डरता किसी कोरोना वोरोना से ।

राज:- पागल मत बनो तुम बाहर मत घूमो, कुछ तो बङो का कहना मानो मेरा नही तो कम-से-कम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ही तो सुन लो, लॉकडाऊन का पालन करो, हाथ को समय-समय पर सैनेटाइज करो, मास्क लगातार चलो और सामाजिक दूरी का पालन करो, लक्ष्मण रेखा मे रहो तब तो हम सभी देशवासी इस वैश्विक महामारी कोरोना का डंटकर सामना कर सकते है ।

रैंचो :- अरे ! हटो राज भईया यह अपने लोकलुभावने उपदेश किसी और को सुनाओ मैं नही पङने वाला इन बातो के चक्कर में हम तो लगे हैं कोरोना के टक्कर में, मौत आएगी तो मर ही जाएंगे पर अपना हर पल-पल घूंट -घूंटकर क्यों जिए ।

अजीत :- हां भाई लॉकडाऊन जब से हुआ हैं, जैसे बेचैनी -सी छा गई है, बाजार क्या पूरा देश बंद हैं, बिना समोसा, चाट-पकौङे, लख्खन का लौंगलतिका और नीशू का चाइनीज चिकन राइस, लॉलीपॉप खाए जी ही नही भरता, मुंह मे पानी आ जा रहा ये सब बाते करते ही, अबकी बार शादी -विवाह भी टल गए नही तो खूब मजा आया होता । न जाने कब खुलेगा ये लॉकडाऊन 3 महीने तो इसी मे गुजर गए, अभी BA का पुरा पेपर भी खत्म नही हो पाया था, जब से मोबाइल हाथो मे आई हैं पढने -लिखने की रूचि ही कम होती जा रही है, पता नही हमारे भविष्य के लिए ये अच्छी है या खराब चाचा कहते थे मोबाइल बुरी व्यक्ति की सोच हैं, मोबाइल स्वयं नही सोच सकती, ये तो वही दर्शाती हैं उसपर जो हम सर्च मारते हैं, खोट मोबाइल मे नही हमारी सोच में हैं, पर क्या करे सब लोग आदत से मजबूर हैं ।

राज:- अरे! सुधीर मेरे भाई तू रो क्यो रहा है, क्या हुआ तुझे बता मुझे ।
सुधीर :- राज भईया मुम्बई मे मेरे भईया इस लॉकडाऊन में फंस गए हैं, वो फोन करके कह रहे थे, काम बंद हो गया, मेरे मालिक ने रूपये नही दिए, भूख के मारे अतङिया कुलबुला रही है, यातायात के सब साधन भी बंद हैं, मैं अब घर कैसे आऊं ।

भीम :- अरे ! यार रोते क्यो हो तुम्हारे ही परिजन नही फंसे हैं, न जाने कितने बहनो के भाई, माता के पुत्र, किसी के पति, किसी के लड़के पतोहू, सास -ससुर इसी हालात से गुजर रहे है, मेरे भी तो बङे भाई मुम्बई मे ही है, पैदल आने को कह रहे थे वो भी त्रस्त है । तुमको पता हैं आज ही गांव के दो लङके हरिप्रसाद यादव और चंदन यादव अपने बाइक से मुम्बई से चलकर आए, वो कह रहे थे कि भगवान् ऐसा दिन किसी को न दिखाए 2500 रूपए का पेट्रोल ही बाइक मे डल गए क्योकि उनका कहना हैं जान हैं तो जहान हैं, फिलहाल उनको अहिरौली के बगीचे मे 14 दिन के लिए क्वारंटिन कर दिया गया है । और आए दिन तुम तो समाचार मे यह देख ही रहे हो कि लोग अपने घरो को पैदल चलने के लिए मजबूर हैं ।

सुधीर :- न जाने ये कोरोना कब जाएगा ।

भीम:- यह एक वायरस जनित बीमारी हैं जिसकी शुरूआत चीन के वुहान शहर से चमगादङ, सांप और न जाने कितने ऐसे ही जानवरो के खाने के संक्रमण से हुई हैं, जब कोई वैश्विक महामारी फैलती है तो सबसे पहले उस देश की जनसंख्या को अपने चपेटे में लेती है और जब जनसंख्या इसके चपेटे में आती है तो अफरा-तफरी मच जाती है और इस संक्रमण से बचने के लिए आयात-निर्यात को बंद कर दिया जाता है, ऐसा दूसरे देशो के सामानो से फैलने वाले संक्रमण के भय से किया जाता है ,जिसके कारण भूखमरी और मंहगाई बढ जाती है और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है ।

राज :- मैं तो यही कहता हूं भईया कि अगर घर मे रहोगे तो बार-बार मिलोगे, नही तो फिर हरिद्वार मे मिलोगे, देहांत से अच्छा है कि एकांत मे रहे । जहां भीङभाङ हो वहां मास्क लगा ले और हाथ को किसी चीज को छूने के बाद या फिर कही से भी आने के बाद भली-भांति धो ले ।

हिमांशु :- भईया ये कोरोना हम लोगो को यह सीखला रहा है कि स्वच्छता कितनी जरूरी है, मुझ जैसे जानलेवा बीमारी से बचने के लिए ।

करन:- भाई लोग कई दिनो से रैंचो नही दिख रहा है नही तो अब तक यहाँ पर होता तो खूब डींग मारता उसके बातो से लगता है कि उसी के मार्गदर्शन मे पृथ्वी पर सारी गतिविधिया हो रही हो ।
( सब साथी एक साथ हंसने लगते है )

विपिन :- अरे! भाई आप लोगो को नही पता क्या उसे कोरोना वायरस हो गया है, लाख समझाने पर दो दिन पहले आए इटली से देव भईया से मिलने गया था न देव भईया को भी न पता था कि मुझे कोरोना ने अपना ग्रास बना लिया है न रैंचो को वो जाकर झटपट देव भईया को गले लगा लिया, जब देव भईया को छींक आई तो रैंचो उसे नजरांदाज कर दिया वो सोचा साधारण सर्दी -खांसी बुखार हैं ।

भीम :- आप सभी को तो पता ही है की अब तक इसका कोई ईलाज नही है ठीक हो गए तो अच्छी बात हैं नही तो फिर इसका कोई रोकथाम नही है पुरी दुनिया इसके कहर से त्रस्त है लाशे बिखरी हैं लाने इटली की सङको पर । अब रैंचो और देव 14 दिन से ज्यादा जीवित नही रह सकते हैं, हमें जल्द ही इसकी सूचना अपने प्राथमिक अस्पताल पर देनी चाहिए नही तो इसके संक्रमण से पूरा गांव साफ हो जाएगा ।

सुजीत:- हांफते हुए भाई लोग अभी-अभी खबर मिली है कि रैंचो और देव लाईलाज कोरोना से काल के गाल में समा गए, यह सुनकर सभी के आंखो में आंसू आ गया । अब उनको दफनाएगा कौन? ये तो छूने से तुरंत फैल जाएगा, उन दोनो के शरीर मे कोरोना वायरस बिजली के करेंट की भांति दौङ रहा होगा । चलो कम से कम हम उसे एक बार देख आए, हम लोगो का जिगरी दोस्त था रैंचो ।

सभी दोस्त :- मास्क लगाकर उसके घर पहुंचे उन्होंने देखा तो घर पर कोहराम मचा हुआ था, रो -रोकर सबका बुरा हाल था ।
अब इसके लाश को कंधा कौन देगा सभी तो इसके करीब भी नही आना चाहते ।

भीम :- एक उपाय है इसे प्लास्टिक मे बांधकर दफन कर दिया जाय इससे यह वायरस हमलोगो को नही फैलेगा ।

सभी दोस्त:- हां -हां यही ठीक रहेगा ।
चलो करूण रस मे कानो मे यह आवाज बिंध रही थी ।
राम नाम सत्य है, राम नाम सत्य है । ये कुदरत के साथ खिलवाड़ का भुगदण्ड है ।

WHO से अपील करता हूं कि Covid 19 नोबेल कोरोना वायरस से लड़ने का कोई तो टीका बनाओ, बनाओ न नही तो यह मानव सभ्यता इस लाइलाज बीमारी के आगे दम तोड़ देगी ।

नाटककार :- ??Rj Anand Prajapati ?

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 4 Comments · 405 Views
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