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1 Dec 2018 · 1 min read

ग़रीबी

फटे हुए कपड़े है,
रूठे हुए नैना,
टुठे हुए जवान है,
देखो ना घर न बैना,
सड़क हि बस्ती है,
राह हि स्वर्ग,
स्वान है मित्र उनके,
किड़े मकोड़े यार रे,
दानी खुदा है,
मुसाफिर भगवान ये,
जुठन मिठास रे,
गाली बहाना है,
जिन्दगी देखो यार
कैसे भी मेहनत कर बिताना है

जवान -बोली

Language: Hindi
261 Views
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