Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2020 · 1 min read

गजवा-ए-हिंद

काट दिया कश्मीर जड़ों से
संस्कृति का कर दिया सफाया
गजवा-ए-हिंद का गुप्त एजेंडा
सारी घाटी में फैलाया
जिनका था कश्मीर युगों से
उनको मार भगाया
मारे गए हजारों पंडित
लाखों को बेघर कर डाला
समझ न पाए मंतव्य विषैला
साजिश ने पूरा कर डाला
चुप बैठी थी सरकारें
हैं चुप नेता बुद्धिजीवी
महादोगले बेईमान, टुकड़ों पर पलते परजीवी
छोटी-छोटी घटना पर तूफान मचाने वालों
बात-बात पर मानव अधिकारों का झूठा हनन बताने वालों
शर्म ना आई तुम सबको क्यों काश्मीर पर मौन रहे
मानव अधिकारों को लेकर सिद्धांत तुम्हारे कहां गए खबरदार! गजवा-ए-हिंद का इनका बड़ा एजेंडा है धीरे-धीरे भारत पर कब्जा करने की मंशा है
चेत जाओ अब वीर जवानों
आंखें खोलो अब नादानों
क्या इस पावन धरती पर फिर कश्मीर बनाओगे कश्यप की पुण्य भूमि पर वापस पंडित कर पाओगे
क्या मार पाओगे नाग विषैले, या गजवा-ए-हिंद फैलाओगे

Language: Hindi
9 Likes · 2 Comments · 416 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
umesh mehra
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
Shashi kala vyas
नाम परिवर्तन
नाम परिवर्तन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
*न जाने रोग है कोई, या है तेरी मेहरबानी【मुक्तक】*
*न जाने रोग है कोई, या है तेरी मेहरबानी【मुक्तक】*
Ravi Prakash
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
Ram Krishan Rastogi
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ अप्रैल फ़ूल
■ अप्रैल फ़ूल
*Author प्रणय प्रभात*
हमने माना अभी
हमने माना अभी
Dr fauzia Naseem shad
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
"कोशिशो के भी सपने होते हैं"
Ekta chitrangini
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां की शरण
मां की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन
जीवन
Rekha Drolia
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Sukoon
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
Neeraj Agarwal
इस तरह बदल गया मेरा विचार
इस तरह बदल गया मेरा विचार
gurudeenverma198
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
स्मृतियों का सफर (23)
स्मृतियों का सफर (23)
Seema gupta,Alwar
Loading...