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5 Apr 2017 · 1 min read

??◆कमसिन उम्र है◆??

कमसिन उम्र है इतना मुस्क़राया न करो।
जुल्फ़ें छत पर जाकर सुलझाया न करो।।

पड़ोसियों की नज़रें अच्छी नहीं समझो।
इतना विश्वास किसी पर जताया न करो।।

हम तो हितैषी हैं ज़रा विश्वास तुम करो।
शक की नज़र हमें तुम लखाया न करो।।

होठों की बिजलियां कड़कती हैं जब भी।
दुपट्टे की ओट में तुम छिप जाया न करो।।

इश्क़ की आग जलाके ज़िगर रख देती है।
मेरी सलाह को कभी तुम ठुकराया न करो।।

जवानी का उफान दूध-सा होता है सुनिए।
शब्र का जल तुम इससे बचाया न करो।।

“प्रीतम”दिल की लगी दिल्लगी होती है यार।
इसे प्यार की गिरफ़त में तुम लाया न करो।।

******************
******************
???***आर.एस.बी.प्रीतम???

Language: Hindi
347 Views
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