Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2016 · 1 min read

कौन अपने- कौन गैर

दिल में याद बना लेते है
गैर भी…
अपने भी…
कुछ चुभते है
कुछ यादगार बन जाते है
अपने भी-गैर भी
पहचान न पाये अपनों को भी
गैरो को भी
अपनों में गैर मिले,
गैरो में कमाल के अपने मिले
दोनों के अर्थ के मायने बदल दिये
अपनों के
गैरो के
अपनों को अपना कहे या गैरो को अपना
अब तो अपना भी लगता खुली आँखों का
सपना….

^^^^दिनेश शर्मा^^^^

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Destiny
Destiny
नव लेखिका
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
साहब कहता वेट घटाओ
साहब कहता वेट घटाओ
Satish Srijan
भाव - श्रृँखला
भाव - श्रृँखला
Shyam Sundar Subramanian
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
खतरनाक होता है
खतरनाक होता है
Kavi praveen charan
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
Ravi Ghayal
तेवर
तेवर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बात उनकी क्या कहूँ...
बात उनकी क्या कहूँ...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
जीव कहे अविनाशी
जीव कहे अविनाशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
Kishore Nigam
ज़िंदगी मौत पर
ज़िंदगी मौत पर
Dr fauzia Naseem shad
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
मैं तो अकेली चलती चलूँगी ....
मैं तो अकेली चलती चलूँगी ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कविता (घनाक्षरी)
कविता (घनाक्षरी)
Jitendra Kumar Noor
एक कतरा प्यार
एक कतरा प्यार
Srishty Bansal
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भाव
भाव
ईश्वर चन्द्र
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
*हे हनुमंत प्रणाम : सुंदरकांड से प्रेरित आठ दोहे*
*हे हनुमंत प्रणाम : सुंदरकांड से प्रेरित आठ दोहे*
Ravi Prakash
■ तो समझ लेना-
■ तो समझ लेना-
*Author प्रणय प्रभात*
23/31.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/31.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बाल कविता: चिड़िया आयी
बाल कविता: चिड़िया आयी
Rajesh Kumar Arjun
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ओनिका सेतिया 'अनु '
💐प्रेम कौतुक-315💐
💐प्रेम कौतुक-315💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
DrLakshman Jha Parimal
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
Loading...