Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2020 · 2 min read

कोटा:-शिक्षा की नगरी

कोटा एक सपनों को साकार बनाने वाला शहर,जहाँ से हर साल कई डॉक्टर्स और इंजीनियर्स निकलते हैं और हर साल लाखों बच्चे डॉक्टर्स और इंजीनियर्स बनने के सपने लेकर आते हैं।इस शहर में एक अजब ही रौनक है एक दम अलग, हर तरफ कोचिंग बैग लेकर भागते बच्चे सुबह शाम दोपहर रात चौबीसों घंटे ये शहर जागता रहता है,और हरेक के आँखों में सिर्फ सपने तैरते रहते हैं। कामयाबी के सपने, तरक्की के सपने नाम और दौलत शोहरत बनाने के सपने और इन सपनों के भाग दौड़ में वो आँखे और चीजें देखना भूल जाती है। फिजिक्स,केमेस्ट्री,मैथ और बायो में इतने मसगुल हो जाते हैं कि इतिहास ,भूगोल, राजनीतिशास्त्र पढ़ना भूल जाते हैं।
यहाँ की एक और खासियत है यहाँ हर आदमी आपको उपदेश देता मिलेगा। किराने के दुकान वाले अंकल हो या ऑटो वाले भईया या कचौरी वाले ताऊ हों या मकान मालिक सब यही बात बोलते सुनाई देंगे- और बेटा तैयारी कैसी चल रही है, बेटा एकदम निकल लेना है हिम्मत नहीं हारनी है, बेटा जम के पढाई करो। ये बातें हौसला देती है और कभी कभी इरिटेट भी करती है क्यों कि आप हर वक्त एक ही मूड में नही रह सकते।
यहाँ छुट्टियां बहुत कम होती है सिर्फ रविवार को ही और उसमें भी ज्यादातर रविवार को टेस्ट होते हैं पर जैसे ही किसी रविवार को मौका मिलता है तो छात्र घूमने का भी मौका नहीं छोड़ते। सारे टेंशन छोड़कर 4-5 दोस्त मिलकर निकल पड़ते हैं चंबल गार्डन की ओर या सेवन वंडर्स के तरफ या खड़े गणेश के मंदिर या C.B गार्डन के तरफ । कुछ city मॉल में गेम खेलने और कुछ ऐसे ही कोटा की सड़कों पर अपने होने का अहसास करने और कराने। ऐसे ही पढ़ते पढ़ाते हँसते रोते सपने सजाते एक साल बीत जाता है और कुछ सपने साकार होते हैं और कुछ टूटते भी हैं। कुछ लोग चले जाते हैं कोटा छोड़कर और कुछ फिर से जम जाते हैं अगले साल की तैयारियों में।
कुछ भी कहो कोटा एक बार जिसके मन में बस जाता है उसके मन से फिर कोटा को निकाल पाना बहुत मुश्किल है। यूँ तो ये दर्दनाक भी साबित होता है क्यों कि सपने टूटने के डर से या टूट जाने पर कुछ बच्चे आत्महत्या जैसी गम्भीर कदम भी उठा लेते हैं पर कुछ के यादों में ये एक हसीन पल की तरह कैद हो जाते हैं। जैसा हम चाहते हैं जैसा फिल्मों में देखते हैं एक छात्र जीवन बिलकुल उसके तरह………!!!!!

Language: Hindi
386 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपनी टोली
अपनी टोली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
हिंदी
हिंदी
नन्दलाल सुथार "राही"
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
Anand Kumar
"सुर्खी में आने और
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-323💐
💐प्रेम कौतुक-323💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कभी- कभी
कभी- कभी
Harish Chandra Pande
कहानी -
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
पश्चाताप का खजाना
पश्चाताप का खजाना
अशोक कुमार ढोरिया
Writing Challenge- जिम्मेदारी (Responsibility)
Writing Challenge- जिम्मेदारी (Responsibility)
Sahityapedia
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
Ravikesh Jha
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्रणय 7
प्रणय 7
Ankita Patel
कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दें
कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दें
Sushil chauhan
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
Keshav kishor Kumar
शुद्धिकरण
शुद्धिकरण
Kanchan Khanna
सरसी छंद
सरसी छंद
Charu Mitra
हूँ   इंसा  एक   मामूली,
हूँ इंसा एक मामूली,
Satish Srijan
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
तन्हाई
तन्हाई
नवीन जोशी 'नवल'
3028.*पूर्णिका*
3028.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चिड़िया चली गगन आंकने
चिड़िया चली गगन आंकने
AMRESH KUMAR VERMA
फिर जनता की आवाज बना
फिर जनता की आवाज बना
vishnushankartripathi7
मैने नहीं बुलाए
मैने नहीं बुलाए
Dr. Meenakshi Sharma
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
" आशिकी "
Dr. Kishan tandon kranti
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
Harminder Kaur
Loading...