Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2017 · 1 min read

जागृति के साथ उत्सव मनाओ,

खुशियाँ मनाओ..उत्सव मनाओ,
जीवंत होने का संदेश दो,
पर पाखंड को छोड़कर,
नि ज ता की खोज मेंं,
प्रेम-प्यार मे घुल-मिल एक हो जाओ,
.
जागरण मनाओ,
जीवन मिला है,
अपने जीवंत होने का हर साक्ष्य के
………..उदाहरण बन जाओ,
बस पाखंड को अलविदा कह दो,
तुम्हारा जन्म लेना …सफल हुआ,
.
आस्तिक भगौड़ा है,
बात-बात में शरण लेता है,
नास्तिकता सामना है,
खुद का खुद से सामना,
भुजदिलों का काम नहीं है,
ऐसा करना,
.
डॉ महेंद्र तेरा मानना है,
जीवन में सेवक बनना है,
स्वयं को जान लो,
फिर सब कुछ अर्थपुर्ण है,
अन्यथा सबकुछ व्यर्थ,
.
डॉ महेंद्र सिंह खालेटिया,

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
इश्क का रंग मेहंदी की तरह होता है धीरे - धीरे दिल और दिमाग प
इश्क का रंग मेहंदी की तरह होता है धीरे - धीरे दिल और दिमाग प
Rj Anand Prajapati
रे ज़िन्दगी
रे ज़िन्दगी
Jitendra Chhonkar
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुख  से  निकली पहली भाषा हिन्दी है।
मुख से निकली पहली भाषा हिन्दी है।
सत्य कुमार प्रेमी
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
"अगर तू अपना है तो एक एहसान कर दे
कवि दीपक बवेजा
■ कहानी घर घर की....
■ कहानी घर घर की....
*Author प्रणय प्रभात*
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
पता ना चला
पता ना चला
Dr. Kishan tandon kranti
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विजयादशमी
विजयादशमी
Mukesh Kumar Sonkar
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
जुबान
जुबान
अखिलेश 'अखिल'
जब भी तेरा दिल में ख्याल आता है
जब भी तेरा दिल में ख्याल आता है
Ram Krishan Rastogi
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
जय जय तिरंगा तुझको सलाम
जय जय तिरंगा तुझको सलाम
gurudeenverma198
फितरत................एक आदत
फितरत................एक आदत
Neeraj Agarwal
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
Damodar Virmal | दामोदर विरमाल
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
2706.*पूर्णिका*
2706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत
गीत
Mahendra Narayan
Loading...