Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2017 · 1 min read

#कुंडलिया//तरुवर जीवन के आधार

#कुंडलिया

छाया थका पथिक चुने , माया चुने ग़रीब।
चाह सभी को है लगी , मिलता लिखा नशीब ।।
मिलता लिखा नशीब , कर्म मगर है ज़रूरी।
त्यागो तुम पाखंड , करो नहीं जी हुजूरी।
सुन प्रीतम की बात , स्वस्थ कसरत से काया।
लगा कर्म का पेड़ , मिले फल की तब छाया।

तरुवर जीवन छाँव दें , फल लकड़ी आधार।
औषधि भी बनते यही , हितकर सभी प्रकार।।
हितकर सभी प्रकार , मिले इनसे ऑक्सीजन।
वर्षा लाते घेर , करे हर्षित जो जीवन ।
सुन प्रीतम की बात , नदी पोखर या सागर।
मानें सब आभार , ज़रूरी इतने तरुवर।

हरियाली चहुँ ओर हो , जीवन हो खुशहाल।
मना जन्मदिन तरु लगा , बने यही जग चाल।।
बने यही जग चाल , फलें फूलेंगे तरुवर।
चलें हवाएँ शुद्ध , बने रोगमुक्त हर घर।
सुन प्रीतम की बात , धरा होगी मतवाली।
स्वर्ग यही पर देख , बढ़ा मानव हरियाली।

आर.एस. ‘प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित रचना

340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
चल पनघट की ओर सखी।
चल पनघट की ओर सखी।
Anil Mishra Prahari
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
== करो मनमर्जी अपनी ==
== करो मनमर्जी अपनी ==
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
💐अज्ञात के प्रति-74💐
💐अज्ञात के प्रति-74💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सुबह का खास महत्व
सुबह का खास महत्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Rajni kapoor
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
भाथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / MUSAFIR BAITHA
भाथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
भाव
भाव
ईश्वर चन्द्र
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
"ईश्वर की गति"
Ashokatv
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
यह रूठना मनाना, मनाकर फिर रूठ जाना ,
यह रूठना मनाना, मनाकर फिर रूठ जाना ,
कवि दीपक बवेजा
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मंगल मूरत
मंगल मूरत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले
हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"दिल का हाल सुने दिल वाला"
Pushpraj Anant
नामवर रोज बनते हैं,
नामवर रोज बनते हैं,
Satish Srijan
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
"सफ़ीना हूँ तुझे मंज़िल दिखाऊँगा मिरे 'प्रीतम'
आर.एस. 'प्रीतम'
(11) मैं प्रपात महा जल का !
(11) मैं प्रपात महा जल का !
Kishore Nigam
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
श्याम सिंह बिष्ट
संसद बनी पागलखाना
संसद बनी पागलखाना
Shekhar Chandra Mitra
■ ज़रा_याद_करो_कुर्बानी
■ ज़रा_याद_करो_कुर्बानी
*Author प्रणय प्रभात*
बादलों ने ज्यों लिया है
बादलों ने ज्यों लिया है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
Loading...