किसी और से प्यार वो करने लगी है।
किसी और से प्यार वो करने लगी है।।।।।।
अश्कों से बहती धार मुझसे ये कहने लगी है।।।।।।।
मुझसे नही किसी और से वो प्यार करने लगी है।।।।।।
सारे कसमे वादों को वो भुलाने लगी है।।।।।।
दर्द देकर मुझे वो मुस्कुराने लगी।।।।
रुला रुला कर मेरा हाल बुरा करने लगी है।।।।।।
सीने से मेरी यादों को वो जुदा करने लगी है।।।।।
रातों की नींद जानें कहाँ मेरी खोने लगी।।।।।।।
सुना है वो करवटें बदल बदल कर चैन से सोने लगी हैं।।।।।।।।।।।।
दिल ये गुलबाग़ को वो उजाड़ने लगी है।।।।।।
किसी और की बाहों में वो सिमटने लगी है।।।।।।।
साग़र को छोड़ पोखर की और आकर्षित होने लगी है।।।।।।
साहिल को छोड़ वो चट्टानों से टकराने लगी है।।।।।
बीते हुए सुहाने पलों को मिटाने लगी है।।।।।।।
छोड़ सोनू को वो किसी और को हमसफ़र बनाने लगी है।।।।।।
रचनाकार गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मन्दसौर
मोबाइल नंबर 7772931211
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