Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2017 · 1 min read

काश मुझे भी बिटिया होती

रचनाकार- Kokila Agarwal

विधा- कविता

काश मुझे भी बिटिया होती
उसकी आंखो में खुद को जीती
महकी मेरी बगिया होती
मन की बाते मैं उससे करती

छन से टूटा ख्वाब मेरा ये
तन मन भी कुम्लाह गया
मेरे भीतर की बेटी का
मुझपर ही प्रहार हुआ

सिहर रही हूं सोच सोच ये
कैसे विदा मैं उसको करती
कैसे गले लगाती उसको
धड़कन कैसे उसकी गुनती

जब वो नम आंखो से हंसती
अधरो पे मुस्काहट खिलती
कुछ न कहकर सब कह देती
कैसे अनकही उसकी सहती

पल पल मिटती मिट कर जीती
खुशियां कांधे फिर भी ढोती
तुझसे मुझसे उलझे रिश्ते के
खोये सिरे बस ढूंढा करती

निरीह असहाय दूर खड़ी मैं
कैसे उसको ताका करती
इतनी टीसो से घायल हृदय को
किसकर मैं फिर सींचा करती

आज सुकूं बेटी न कोई
दर्द यहीं पा लेगा अंत
मुझमें सिमटा संग मेरे ही
खो जायेगा बन अनंत।

2 Likes · 1 Comment · 595 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फागुन
फागुन
Punam Pande
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan Alok Malu
कौतूहल एवं जिज्ञासा
कौतूहल एवं जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
चौबीस घन्टे साथ में
चौबीस घन्टे साथ में
Satish Srijan
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
निशानी
निशानी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
Sonu sugandh
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
संस्कृति
संस्कृति
Abhijeet
हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता)
हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
Ravi Prakash
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
Raju Gajbhiye
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमदम का साथ💕🤝
हमदम का साथ💕🤝
डॉ० रोहित कौशिक
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
उम्र के इस पडाव
उम्र के इस पडाव
Bodhisatva kastooriya
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
Loading...