कश्मीर मुकुट भारत माँ का
कश्मीर मुकुट भारत का माँ
अंधेरों में दीया बाती
दिल्ली भारत माँ की छाती
तमिलनाडू और केरल
भारत माँ के चरण कमल है
हिन्द सागर में डूबे हुये
सुन्दर मनमोहक जलज है
दुश्मन को हम धूल चटा दे
फूंक मार के लात में
एक हाथ में भारत माँ
त्रिशूल थामे गुजरात में
आशीष देते हाथ सजे है
अरुणांचल प्रदेश में
एक हाथ से विजयी पतंगा
लहर रहा है देश में
मध्य प्रदेश से झारखण्ड तक
हीरे की करधन सजी है
हिमाचल में माथे पर
माता की बिंदिया लगी है
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ने
बिछुवा सुन्दर पहने है
राजस्थान और उत्तर प्रदेश माँ के
हाथ के गहने है
उत्तराखण्ड की सुंदरता माँ
की सुन्दर नथनी है
पंजाब , उड़ीसा की मेहँदी
माँ के हाथो में रचनी है
सिक्किम और बंगाल में
माँ थोड़ी सी रूठी है
बिहार माँ के हाथों की
सुंदर सी एक अंगूठी है
छत्तीसगढ़ , मेघालय ,असम
यह तो प्यारे नंदन है
माता के हाथों के प्यारे
बनने वाले कंगन है
हर प्रदेश की भिन्न भूमिका
सबका अलग किरदार है
अन्य सारे प्रदेश
भारत माँ के श्रृंगार है
पूरे की तुम बात करते हो
हम दो फुट कैसे दे सकते है
कश्मीर भारत माँ का मुकुट
कैसे तुम्हे हम दे सकते है
भारत माँ का मुकुट माँगा तो
तुमको काट हम डालेंगे
और आगे से याद रखेंगे
बेटे ऐसे ना पालेंगे
भारत माँ का मुकुट
तुम्हारे चचा की जागीर नही है
सुधर जा लाल सुधर जा लाल
तेरा दिमाग ठीक नही है
इंसानियत की तेरे अंदर
तिनके भर की बात नही है
हमारे उत्तर प्रदेश के सामने
तेरी कोई औकात नही है
कान खोल के सुन ले तू
अब की तुझे ना माफ़ करेंगे
गर हमला हुआ भारत माँ पर
तो तुझे नक्शे से साफ करेंगे
स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त
©विवेक चौहान एक कवि
बाजपुर , ऊधम सिंह नगर
(उत्तराखण्ड)7500042420