Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2021 · 1 min read

माटी है मेरे देश की चंदन

माटी है मेरे देश की चंदन
सत् सत् बार करूं मैं नमन
गंगा और यमुना बहती है
पूर्वजों की कथा कहती है
इस माटी में पैदा हुए संत महान
इस देश को सत् सत् बार नमन
माटी है मेरे देश की चंदन…
गुरु का प्यारा देश हमारा
नतमस्तक है विश्व सारा
नेता, साधु देश के रत्न हुए
इस माटी को युगों युगों तक नमन
माटी है मेरे देश की चंदन…
विश्व कवि रविंद्र का प्यारा
गांधी की आंखों का तारा
सुभाष-बिस्मिल ने तन वारा
सारे देशों से है न्यारा
इस देश में हुए तपस्वी
जिनकों है सत् सत् बार नमन
माटी है मेरे देश की चंदन…
कहां तक करुं गुणगान तेरा
यहां पर है सब कुछ तेरा
तुझ पर न्यौछावर सब मेरा
मैंने प्राण, मन, शरीर सब वारा
इसमें अंजुम हुए वीर अवतारा
जिनकों इस माटी ने उबारा
माटी है मेरे देश की चंदन
सत् सत् बार करूं मैं नमन
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोबाइल-9927140483
‎Sunday, ‎May ‎16, ‎2021

Language: Hindi
2 Likes · 950 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
कुपमंडुक
कुपमंडुक
Rajeev Dutta
कुछ समय पहले तक
कुछ समय पहले तक
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
जिन्दगी की पाठशाला
जिन्दगी की पाठशाला
Ashokatv
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
Kishore Nigam
*नेकलेस (कहानी)*
*नेकलेस (कहानी)*
Ravi Prakash
ये हवा ये मौसम ये रुत मस्तानी है
ये हवा ये मौसम ये रुत मस्तानी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
एक तू ही नहीं बढ़ रहा , मंजिल की तरफ
एक तू ही नहीं बढ़ रहा , मंजिल की तरफ
कवि दीपक बवेजा
*खोटा था अपना सिक्का*
*खोटा था अपना सिक्का*
Poonam Matia
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ नहीं.......!
कुछ नहीं.......!
विमला महरिया मौज
देश का दुर्भाग्य
देश का दुर्भाग्य
Shekhar Chandra Mitra
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
तलाश हमें  मौके की नहीं मुलाकात की है
तलाश हमें मौके की नहीं मुलाकात की है
Tushar Singh
"जरा सोचो"
Dr. Kishan tandon kranti
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Life
Life
C.K. Soni
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
पावन सावन मास में
पावन सावन मास में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
प्यार के सरोवर मे पतवार होगया।
प्यार के सरोवर मे पतवार होगया।
Anil chobisa
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नारी जीवन की धारा
नारी जीवन की धारा
Buddha Prakash
Loading...