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22 Jan 2019 · 1 min read

कविता की उत्पत्ति

दर्द की ज्वाला जब फूटती है
तो कविता खुदबखुद निकलती है
प्यार की डोर जब टूटती है
तो कलम खुदबखुद चलती है
मन जब अंदर से रोता है
तो शब्दों का सैलाब आता है
और अपना दर्द लिखते लिखते
वो ग़ालिब बन जाता है

-रमाकान्त पटेल
झाँसी उ.प्र.

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 707 Views
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