Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2019 · 2 min read

कल भी और आज भी

शीर्षक – कल भी और आज भी
==================
गाँव के रामजानकी मंदिर पर हर साल की भाति इस बार भी रामलीला का मंचन हो रहा था जिसमें अहिल्या और ऋषि गौतम का संबाद हो रहा था जो सभी का ध्यान आकर्षित किए हुए था..

“मेरे साथ छल हुआ है स्वामी, मैंने कोई पाप नहीं किया है, मै निर्दोष हूँ”

“मै कुछ भी नहीं सुनना चाहता दुष्ट स्त्री तू मेरे साथ रहने के लायक नहीं है तू अपवित्र हो गई है”

“मुझे क्षमा करदो स्वामी मै एक पतिव्रता स्त्री हूँ, मेरे साथ जिसने छल किया है दोष उसी का है.. आप उसे दंड दीजिए ”

” हे दुष्ट स्त्री तू अब पतिव्रता नहीं है मै किसी को दंड क्यों दू में तेरा चेहरा देखना नहीं चाहता…… जा तू शिला हो जा.”…….
एक पेड़ की ओट से चुनिया भी यह दृश्य देख रही थी उसकी आंखो से झर झर आंसू बह रहे थे और अपने ऊपर हुए अन्याय के एक एक दृश्य सामने आ रहे थे….. काली स्याह रात थी वह उसकी जिंदगी की, जमींदार के बेटे और उसके दोस्तों ने उसके साथ मुह काला किया… वह चीखती रही चिल्लाती रही पर किसी ने भी उसकी चीखे न सुनी
दूसरे दिन वह अपनी फरियाद लेकर पंचायत में गई लेकिन वहाँ भी उसकी एक न सुनी गई उल्टा उसे ही दोषी और कुलटा ठहराया गया और उसके मुह पर कालिख पोत कर गाँव से बाहर निकाल दिया गया….
त्रेता युग से लेकर आज कलयुग तक बदला क्या, कल भी अहिल्या थी और आज भी है कल भी उसकी चीखे किसी ने न सुनी और आज भी……
दोषी वही बनी आज भी और कल भी….

Language: Hindi
427 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार का इम्तेहान
प्यार का इम्तेहान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भर लो नयनों में नीर
भर लो नयनों में नीर
Arti Bhadauria
💐प्रेम कौतुक-320💐
💐प्रेम कौतुक-320💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
दो पल देख लूं जी भर
दो पल देख लूं जी भर
आर एस आघात
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
शिल्पकार
शिल्पकार
Surinder blackpen
"उजाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
संत गाडगे संदेश 5
संत गाडगे संदेश 5
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अपना भारत*
*अपना भारत*
मनोज कर्ण
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
Teena Godhia
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
क्रांति की बात ही ना करो
क्रांति की बात ही ना करो
Rohit yadav
ज़िंदगी तेरा हक़
ज़िंदगी तेरा हक़
Dr fauzia Naseem shad
थक गई हूं
थक गई हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
खुली आंखें जब भी,
खुली आंखें जब भी,
Lokesh Singh
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
क्या अब भी तुम न बोलोगी
क्या अब भी तुम न बोलोगी
Rekha Drolia
कू कू करती कोयल
कू कू करती कोयल
Mohan Pandey
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Irfan khan
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
श्रीराम पे बलिहारी
श्रीराम पे बलिहारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...