Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया ….

कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया,
मन का एक हिस्सा किसी के नाम हो गया।
इजहार होठो से न हुआ लेकिन,
आँखों से आँखे मिली और अपना काम हो गया।(अवनीश कुमार)

Language: Hindi
463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख़्वाबों की दुनिया
ख़्वाबों की दुनिया
Dr fauzia Naseem shad
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
Arvind trivedi
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
सौरभ पाण्डेय
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यह  सिक्वेल बनाने का ,
यह सिक्वेल बनाने का ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दूर तलक कोई नजर नहीं आया
दूर तलक कोई नजर नहीं आया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
93. ये खत मोहब्बत के
93. ये खत मोहब्बत के
Dr. Man Mohan Krishna
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
कृष्णकांत गुर्जर
मोबाईल नहीं
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चौखट पर जलता दिया और यामिनी, अपलक निहार रहे हैं
चौखट पर जलता दिया और यामिनी, अपलक निहार रहे हैं
पूर्वार्थ
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"अनुवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
रामपुर का किला : जिसके दरवाजों के किवाड़ हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
रामपुर का किला : जिसके दरवाजों के किवाड़ हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
Ravi Prakash
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
आपस की दूरी
आपस की दूरी
Paras Nath Jha
■ आज भी...।
■ आज भी...।
*Author प्रणय प्रभात*
Quote...
Quote...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
याद
याद
Kanchan Khanna
Dark Web and it's Potential Threats
Dark Web and it's Potential Threats
Shyam Sundar Subramanian
मुकद्दर तेरा मेरा
मुकद्दर तेरा मेरा
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
हरषे धरती बरसे मेघा...
हरषे धरती बरसे मेघा...
Harminder Kaur
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
दुर्गा माँ
दुर्गा माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"आत्मकथा"
Rajesh vyas
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
समय को पकड़ो मत,
समय को पकड़ो मत,
Vandna Thakur
सफलता यूं ही नहीं मिल जाती है।
सफलता यूं ही नहीं मिल जाती है।
नेताम आर सी
Loading...