कल आज
कल-आज
“””””””””‘””'”
चलो अच्छा है
वे भी मुस्कराये लगे हैं,
उनकी कल्पना के राम
अब साकार बन
आने लगे हैं।
हमारे साथ वे भी
अब रामधुन
गाने लगे हैं।
?सुधीर श्रीवास्तव
कल-आज
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चलो अच्छा है
वे भी मुस्कराये लगे हैं,
उनकी कल्पना के राम
अब साकार बन
आने लगे हैं।
हमारे साथ वे भी
अब रामधुन
गाने लगे हैं।
?सुधीर श्रीवास्तव