Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2016 · 1 min read

*कलियुग*

गफलत में है सो रहा कलियुग का इंसान
पूजा पत्थर की करे मान इसे भगवान
धर्मेन्द्रअरोड़ा

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

तोल सदा ही बोलिये,मुख से मीठे बोल
हीरा जनम अमोल है,माटी में ना रोल
धर्मेन्द्रअरोड़ा

Language: Hindi
279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब किसी से
अब किसी से
Dr fauzia Naseem shad
मेरी एजुकेशन शायरी
मेरी एजुकेशन शायरी
Ms.Ankit Halke jha
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
"गाँव की सड़क"
Radhakishan R. Mundhra
निगाहें मिलाके सितम ढाने वाले ।
निगाहें मिलाके सितम ढाने वाले ।
Phool gufran
“गुरुर मत करो”
“गुरुर मत करो”
Virendra kumar
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
पुनर्वास
पुनर्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
Just like a lonely star, I am staying here visible but far.
Just like a lonely star, I am staying here visible but far.
Manisha Manjari
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
कंक्रीट के गुलशन में
कंक्रीट के गुलशन में
Satish Srijan
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
Utkarsh Dubey “Kokil”
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
Converse with the powers
Converse with the powers
Dhriti Mishra
स्वयंसिद्धा
स्वयंसिद्धा
ऋचा पाठक पंत
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
****हमारे मोदी****
****हमारे मोदी****
Kavita Chouhan
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पैसा ज्यादा है बुरा, लाता सौ-सौ रोग*【*कुंडलिया*】
*पैसा ज्यादा है बुरा, लाता सौ-सौ रोग*【*कुंडलिया*】
Ravi Prakash
काशी
काशी
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
Surinder blackpen
लिप्सा
लिप्सा
Shyam Sundar Subramanian
मिट्टी का बस एक दिया हूँ
मिट्टी का बस एक दिया हूँ
Chunnu Lal Gupta
बेटियाँ
बेटियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नन्हीं सी प्यारी कोकिला
नन्हीं सी प्यारी कोकिला
जगदीश लववंशी
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
Ragini Kumari
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
shabina. Naaz
Loading...