*****करें भारत की जय जय कार***** भाग – १
ओ सरहद के सेनानी
हम तुमको शीश नवाते है,
डटे रहो तुम मैदां में
हम पीछे-पीछे आते हैं।
गिराएआतंकी को मार
करें भारत की जय जय कार।
कैसी सर्दी कैसी गर्मी
बरखा रोक न पाए ।
भूख प्यास की फिक्र कहां
सीमा पर ध्वज लहराए ।
कभी ना माने अपनी हार
देश के सच्चे पहरेदार।
गिराए आतंकी को मार
करें भारत की जय जय कार ।।
*अगले बन्ध फिर लिखे जाएंगे *
“राजेश व्यास अनुनय “