Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2018 · 1 min read

कभी परिमापित नहीं

कभी परिमापित नहीं
✒️
आसमाँ को गर्व है, तारकों की माप पर;
एक चंदा है मेरा, कभी परिमापित नहीं।

क्या कहोगे बादलों के
चक्रवाती दाँव से?
ओ गगन तुम स्वयं
परिमाप के विस्तार हो;
तारकों की नाल में
गह्वर बनाओगे कहो,
तुम मनोहर दृश्य के
स्वयं ही आगार हो।

बादलों को गर्व है, आयतों की छाँव पर;
छाँव मेरी रूह की, कभी परिमापित नहीं।

चाँदनी का त्याग कर,
क्या रह सकोगे चंद्रमा?
तुम स्वयं ही चाँदनी के
सन्निहित से भाग हो;
दैव को मंजूर थी
स्याह सी गहरी निशा,
चाँदनी की लालिमा का
क्यों किसी को ज्ञान हो?

चंद्रमा को गर्व है, चाँदनी से मेल पर;
चाँदनी मेरी रही, कभी परिमापित नहीं।
…“निश्छल”

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कसौटी
कसौटी
Astuti Kumari
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
💐प्रेम कौतुक-254💐
💐प्रेम कौतुक-254💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"कैसे सबको खाऊँ"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
पेड़ पौधों के प्रति मेरा वैज्ञानिक समर्पण
पेड़ पौधों के प्रति मेरा वैज्ञानिक समर्पण
Ms.Ankit Halke jha
■ इन दिनों...
■ इन दिनों...
*Author प्रणय प्रभात*
झूठ रहा है जीत
झूठ रहा है जीत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
मौन की सरहद
मौन की सरहद
Dr. Kishan tandon kranti
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Sakshi Tripathi
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
Dr. Man Mohan Krishna
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
★भारतीय किसान★
★भारतीय किसान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*फेसबुक पर स्वर्गीय श्री शिव अवतार रस्तोगी सरस जी से संपर्क*
*फेसबुक पर स्वर्गीय श्री शिव अवतार रस्तोगी सरस जी से संपर्क*
Ravi Prakash
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
Suryakant Dwivedi
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
2858.*पूर्णिका*
2858.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर का रुप मां
ईश्वर का रुप मां
Keshi Gupta
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
पूर्वार्थ
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
ruby kumari
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
Anand Kumar
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
कलाकार
कलाकार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सियासत
सियासत
Anoop Kumar Mayank
Loading...