Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2016 · 1 min read

कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने

कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने
कई अरमान भी बेचे चुकाने क़र्ज़ को अपने
अकेले आज भी है हम समझ में ये नही आता
कहाँ जाएँ दिखाने मन दुखाते मर्ज़ को अपने

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
2 Comments · 610 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
हिसाब रखियेगा जनाब,
हिसाब रखियेगा जनाब,
Buddha Prakash
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
23/08.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/08.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
****रघुवीर आयेंगे****
****रघुवीर आयेंगे****
Kavita Chouhan
दूब घास गणपति
दूब घास गणपति
Neelam Sharma
* करते कपट फरेब *
* करते कपट फरेब *
surenderpal vaidya
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
कविता
कविता
Rambali Mishra
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
रिमझिम बारिश
रिमझिम बारिश
Anil "Aadarsh"
स्वयं ही स्वयं का अगर सम्मान करे नारी
स्वयं ही स्वयं का अगर सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
तू ही बता, करूं मैं क्या
तू ही बता, करूं मैं क्या
Aditya Prakash
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
संसद उद्घाटन
संसद उद्घाटन
Sanjay ' शून्य'
"अक्षर"
Dr. Kishan tandon kranti
*** हमसफ़र....!!! ***
*** हमसफ़र....!!! ***
VEDANTA PATEL
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
शेखर सिंह
*अब हिंद में फहराएगा, हर घर तिरंगा (हिंदी गजल)*
*अब हिंद में फहराएगा, हर घर तिरंगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
घनाक्षरी छंद
घनाक्षरी छंद
Rajesh vyas
तुम क्या चाहते हो
तुम क्या चाहते हो
gurudeenverma198
खुशी की खुशी
खुशी की खुशी
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नए साल की मुबारक
नए साल की मुबारक
भरत कुमार सोलंकी
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
Stuti tiwari
Loading...